Delhi AQI: दिल्ली की आबोहवा दमघोटू बनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचांक AQI 286 के साथ खराब श्रेणी में है. नोएडा में भी वायु गुणवत्ता 255 AQI के साथ ‘खराब’ श्रेणी में है. गुरुग्राम की बात करें तो यहां पर हवा का गुणवत्ता स्तर 200 AQI है. इसे ‘मध्यम’ श्रेणी का माना जाएगा. राजधानी में बीते पांच दिनों से वायु गुणवत्ता स्तर खराब श्रेणी में रहा. एजेंसियों के अनुसार, दिल्ली में आने वाले दिनों में हालात और भी बदतर होने के अनुमान हैं. दिल्ली के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को निकालें तो ये शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया.
सप्ताह के अन्य दिनों की बात करें तो गुरुवार को एक्यूआई 256, बुधवार को 243 और मंगलवार को 220 रहा. वहीं दिल्ली के आसपास के इलाकों की बात करें तो पड़ोसी शहरों गाजियाबाद में एक्यूआई 226, फरीदाबाद में 235, गुरुग्राम में 224, नोएडा में 220 और ग्रेटर नोएडा में 280 दर्ज किया गया. आपको बता दें कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच में बेहतर श्रेणी में माना जाता है. 51 से 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’कहा जता है. 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के आने वाले एक्यूआई को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है. 401 से 500 के बीच इसे गंभीर कहा जाता है.
दिल्ली को लेकर केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आज वायु गुणवत्ता के ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है। इसका कारण हवा की धीमी गति और तापमान में गिरावट को मानी जा रही है.
हालांकि दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को एक अभियान भी चलाया। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की ओर से 2019 में कराया गया एक अध्ययन ये बताता है कि ‘ट्रैफिक सिग्नल’ पर इंजन चालू रखने से प्रदूषण के स्तर में नौ प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हो सकती है. दिल्ली में बीते कुछ वर्षों में उत्सर्जन सूची और स्रोत विभाजन पर कराए एक अध्ययन से पता चलता है कि वाहनों से जो धुंआ निकल रहा है। उसका हिस्सा पीएम 2.5 उत्सर्जन में नौ प्रतिशत से 38 प्रतिशत तक होता है.
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