नई दिल्ली। इस बार रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले अग्नि वाले वाण से नहीं बल्कि मोबाइल से दहन किया जाएगा। मोबाइल की स्क्रीन दबाते ही पुतले जलने लगेंगे। जलते हुए पुतले बार-बार हंसेंगे और गुस्सा करते हुए भी दिखाई देंगे। जलने से पहले रावण का पुतला करतब भी दिखाएंगे। इस बार पुतला दहने के लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया गया है। ऐसे हाईटेक पुतले अनेक रामलीला कमेटियों ने तैयार कराए हैं। वहीं कुछ रामलीला कमेटियों के यहां कटप्पा के भेष व धोती पहने वाले पुतले जलाए जाएंगे। रामलीला कमेटिया सनातन विरोधियों का भी पुतला जलाएगी। ऐसे में इस बार चार पुतले जलाए जाएंगे।
राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के मद्देनजर दिल्ली सरकार के पटाखेबाजी पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद विजय दशमी पर पुतलों के दहन के दौरान जमकर पटाखों की आवाज सुनाई देगी। दरअसल रामलीला कमेटियों ने पुतलों के जलने के दौरान डिजिटल तरीके से पटाखों की आवाज सुनाने की व्यवस्था की है।
लालकिला मैदान में रामलीला का मंचन करा रही लवकुश रामलीला कमेटी ने रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले तैयार कराने में हाईटेक तकनीक का उपयोग किया है। पुतलों को मोबाइल फोन के माध्यम से जलाया जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि मोबाइल का स्क्रीन टच करते ही पुतलों में बारी-बारी आग लग जाएगी। इस दौरान पुतलों से रोने की आवाज निकलेगी। वहीं लालकिला मैदान में ही रामलीला मंचन कराने वाली नवश्री धार्मिक लीला कमेटी ने बड़े एवं आर्कषित पुतले तैयार कराए हैं।
कमेटी के प्रवक्ता राहुल शर्मा ने बताया कि तीनों पुतलों से जलने से पहले बार-बार ठहाकों की आवाज निकलेगी। इसके अलावा गुस्से के अंदाज में उनकी आंखों में लाल लाइट जलेगी। यहां पर ही रामलीला करा रही श्री धार्मिक लीला कमेटी ने सुरक्षा कारणों से ज्यादा ऊंचे पुतले नहीं बनवाए हैं, क्योंकि यहां दशहरा महोत्सव देखने के लिए देश-विदेश के वीवीआईपी आते हैं। कमेटी के प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि उन्होंने काफी आकर्षित पुतले तैयार कराए हैं। रामलीला मैदान में रामलीला मंचन करा रही श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने हाईटेक पुतले तैयार कराए हैं।
दूसरी ओर पुतले बनाने की एशिया की सबसे बड़ी मंडी के रूप में पहचान बना हो चुके पश्चिम दिल्ली स्थित तितारपुर गांव के अलावा द्वारका, ककरौला मोड़ आदि जगह पर बड़े पैमाने पर पुतलों को अंतिम रूप दे दिया है। यहां से दूसरे राज्यों में पुतले ले जाने का सिलसिला सोमवार को होगा। तितारपुर में कटप्पा के भेष व धोती पहने पुतले तैयार किए हैं।
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