मुंबई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए वित्तपोषण, बीमा एवं अधिक विविध विकल्पों के निर्माण की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने यहां ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) 2023 में ‘समुद्री वित्तपोषण, बीमा और मध्यस्थता’ पर एक सत्र को संबोधन के दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का उल्लेख करते हुये कहा, हम समुद्री और भूमि मार्ग के माध्यम से यूरोप, मध्य एशिया तक पहुंचने पर विचार कर रहे हैं, जिससे आपूर्ति लागत में कटौती होगी।
उन्होंने कहा कि जीएमआईएस 2023 महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब विश्व स्तर पर बहुत सारी चुनौतियां हैं – आपूर्ति की सुरक्षा में, आपूर्ति में व्यवधान में, मूल्य श्रृंखलाओं के टूटने से प्रमुख वस्तुओं के शिपमेंट कभी-कभी जोखिम में होते हैं और इसके कारण खाद्य असुरक्षा और ऊर्जा असुरक्षा बढ़ती है तथा मुद्रास्फीति में वृद्धि होती है।
उन्होंने कहा कि जो अर्थव्यवस्थाएं कोविड से बाहर आ रही हैं उन्हें इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि समुद्री व्यापार को समर्थन देने के लिए कोविड के बाद आईआरडीएआई और घरेलू बीमा कंपनियों के बीमाकर्ताओं के साथ जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से एक ‘समुद्री कार्गो पूल’ बनाया गया था। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने समुद्री पुनर्बीमा के साथ भारत की ब्लू इकोनॉमी सेवाओं में विकास के अवसरों का समर्थन करने और अधिक संख्या में पुनर्बीमाकर्ताओं को स्थापित करने के लिए पुनर्बीमा क्षेत्र में कई संशोधनों को मंजूरी दे दी है।
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