0.एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र को भी अहम भूमिका निभानी है। अब तक जो भी खदानें चल रही हैं
रायपुर,19 अक्टूबर।दुर्गापुर और पोरडा-चिमटापानी कोल ब्लॉक को डेवलप करने के लिए कंपोजिट टेंडर जारी हो चुका है। दुर्गापुर से 6 मिलियन टन और पोरडा-चिमटापानी से 10 मिलियन टन कोयला प्रतिवर्ष उत्पादित होगा। इन दोनों माइंस के शुरू होने से रायगढ़ क्षेत्र से उत्पादन का आंकड़ा दोगुना हो जाएगा। हालांकि अभी केवल कंपोजिट टेंडर जारी किया गया है।
जो भी कंपनी इसे हासिल करेगी वह कोल ब्लॉक को डेवलप करने में लग जाएगी। फिलहाल टेंडर को कोल इंडिया ने हरी झंडी दिखा दी है। इसके पहले पेलमा माइंस को भी एमडीओ के जरिए डेवलप करने का आदेश दिया जा चुका है। बहुत जल्द एसईसीएल की दो और खदानों से उत्पादन प्रारंभ हो सकता है। एसईसीएल ने दुर्गापुर और पोरडा-चिमटापानी के लिए कंपोजिट टेंडर जारी किया है। दोनों को मिलाकर 16 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी। रायगढ़ जिले में कोयला खदानों का विस्तार करने के साथ ही नई खदानों को भी शुरू किया जा रहा है।
कोयले की बढ़ती जरूरतों के लिए पूरा करने में एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र को भी अहम भूमिका निभानी है। अब तक जो भी खदानें चल रही हैं, उनमें उत्पादन बहुत कम है। अब इसमें दो नई खदानों को जोड़ा जा रहा है।ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों से बहुत कम उत्पादन होने के कारण अभी देश में कोयले पर ही निर्भरता है। साल दर साल बिजली की मांग में कई गुना इजाफा होता जा रहा है। इसलिए बिजली का उत्पादन भी जरूरी है। पावर प्लांटों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति के लिए उत्पादन होना बेहद जरूरी है।
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