रायपुर,15 अक्टूबर । लगातार चौथी बार अंबिकापुर विधानसभा सीट(सामान्य) से टीएस सिंहदेव चुनाव लड़ेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वर्ष 2008 में अंबिकापुर विधानसभा सीट का परिसीमन हुआ और अजजा से यह सीट सामान्य हुई।पहली बार 2008 में सिंहदेव चुनाव लड़े और भाजपा के अनुराग सिंहदेव ने कड़ी टक्कर दी थी।
मात्र 900 मतों से टीएस सिंहदेव चुनाव जीते थे। 2013 में टीएस सिंहदेव ने स्थिति सुधारी और 20 हजार मतों से जीते और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष बने।2018 के चुनाव में टीएस सिंहदेव ने बड़ी जीत दर्ज की और तीसरी बार भाजपा के अनुराग सिंह देव को 40 हजार मतों से हराया।
वर्तमान में टीएस सिंहदेव राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं टीएस सिंहदेव का पूरे सरगुजा संभाग में प्रभाव है। भाजपा अभी अंबिकापुर से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। उप मुख्यमंत्री सिंहदेव की संगठन में भी अच्छी पकड़ है। सरगुजा में संगठन के सारे पदाधिकारी इनके ही समर्थक हैं।मजबूत पकड़ और जनता के बीच लोकप्रिय होने के कारण टीएस सिंहदेव को चुनाव में संघर्ष कम करना पड़ता है।
सीतापुर से पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरे अमरजीत भगत
सीतापुर (अजजा) अमरजीत भगत : एसईसीएल में श्रमिक नेता के रूप में कार्य किया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेहद नजदीकी रहे। जोगी शासनकाल में युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के रूप में राजनैतिक पकड़ मजबूत की। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार के विधायक हैं।
भाजपा शासनकाल में विपक्षी विधायक के रूप में हमेशा मुखर रहे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो खाद्य मंत्री की महत्त्वपूर्ण जबाबदारी दी गई। लगातार 20 वर्षों से विधायक रहने के बाद भी क्षेत्रवासियों से सीधा जुड़ाव है। हर आम और खास के सुख-दुख में पारिवारिक सदस्य के रूप में सहभागिता के कारण क्षेत्र में मजबूत पकड़ बना चुके हैं।
सत्ता में आने के बाद सीतापुर क्षेत्र में विकास व निर्माण के कार्यों को गति दी है। विधानसभा में सर्वमान्य व एकमात्र मजबूत प्रत्याशी हैं। बता दें, सरगुजा संभाग में सीतापुर विधानसभा एक ऐसी विधानसभा सीट है जो वर्ष 1961- 62 में अस्तित्व में है।आज तक भाजपा खाता खोल नहीं पाई है।
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