सतत विकास , महिला नेतृत्व और हरित ऊर्जा संबंधी संयुक्त घोषणा पत्र पर पी 20 में सहमति

नई दिल्ली । जी- 20 सदस्य देशों की संसदों के अध्यक्षों के नौवें शिखर सम्मेलन- पी 20 में सतत विकास के लक्ष्यों , महिलाओं के नेतृत्व में विकास , हरित ऊर्जा और डिजिटलीकरण के माध्यम से जीवन स्तर को बेहतर बनाने संबंधी संयुक्त घोषणा पत्र को शुक्रवार को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव को सदस्य देशों के समक्ष रखा जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। श्री बिरला ने भारत के नेतृत्व में इसे पी 20 सम्मेलन की बड़ी सफलता बताया और कहा कि इस एजेंडे को साकार करने में सभी संसदें मिलकर काम करेंगी।

संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया है कि सदस्य देशों की संसद संसदीय कूटनीति तथा संवाद के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति , समृद्धि और सद्भावना को बढावा देने की दिशा में कार्य करने का संकल्प लेती हैं। सदस्य देशों की संसदों के अध्यक्षों ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए भारत को बधाई दी।

श्री बिरला ने कहा कि दो सप्ताह से चले आ रहे विचार विमर्श के परिणामस्वरूप सभी सदस्य देश संयुक्त घोषणा पत्र पर आम सहमति बनाने में सफल रहे हैं। यह सफलता सदस्य देशों के समर्थन और सहयोग से संभव हुई है और यह सामूहिक उपलब्धि है तथा इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा, यह सहमति इसलिए बन पाई है क्योंकि पी 20 की बैठक में सभी सदस्य देशों ने अपने मतभेदों से ऊपर उठकर उन विषयों पर ध्यान केन्द्रीत किया है जो हमें एकजुट करते हैं। यह हम सब के लिए गौरव का विषय है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य को पारित करने के बाद कल इसे औपचारिक रूप से जारी किया जायेगा। इसके बाद उन्होंने संयुक्त घोषणा पत्र से संबंधित प्रस्ताव सदस्यों के समक्ष रखा जिसे सर्वसम्मित से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही संयुक्त वक्तव्य को अपनाने की घोषणा की गयी। उन्होंने कहा कि इस घोषणा पत्र को जारी किये जाने के बाद जी 20 सम्मेलन के मौजूदा अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा जायेगा।

श्री बिरला ने कहा कि संयुक्त घोषणा पत्र में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने और महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जायेगा। इसके अलावा हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के साथ साथ डिजिटलीकरण के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर भी सहमति बनी है। घोषणा पत्र में नारी शक्ति वंदन कानून की भी सराहना की गयी है।