जशपुर,24 फरवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में टमाटर की खेती करने वाले किसान खून के आंसू रो रहे हैं, क्योंकि खेतों में कई टन टमाटर की फसल तैयार है लेकिन उसका खरीदार कोई नहीं है. जशपुर के लुड़ेग में टमाटर 1 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है. इससे किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस समस्या से परेशान किसान आज कई टन टमाटर सड़कों में फेंक कर सस्ते दाम का विरोध प्रदर्शन करते नजर आए.
दरअसल, इन दिनों टमाटर अधिकतम 10 रुपए किलों के भाव बिक रहे हैं. अन्य राज्यों में भी टमाटर की अच्छी पैदावार होने के चलते प्रदेश के किसान दूसरे राज्यों की मंडियों तक टमाटर नहीं भेज पा रहे हैं. स्थिति ऐसी बन गई है कि खेतों में टमाटर की फसलें पड़ी-पड़ी सड़ने लगी हैं. सस्ते दाम और कम डिमांड के चलते लुड़ेग क्षेत्र के किसान खून के आंसू रो रहे हैं. यह स्थिति छह साल बाद फिर उत्पन्न हुई है, जिससे किसान टमाटर तोड़कर फेंकने को मजबूर हो रहे हैं.
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किसानों का कहना है कि वे सेठ साहूकार से कर्ज लेकर टमाटर की खेती करते हैं, लेकिन गिरते दामों के कारण लागत भी नहीं निकल पा रही है. जिले में 1 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है, जिसमें लगभग 11 हजार किसान शामिल हैं.
आपका बता दें, इस टमाटर की खेती में एक बीघे में 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है. जबकि एक बीघे में डेढ़ से 2 लाख रुपये तक की कमाई होती है.