बिलासपुर,12 अक्टूबर । बिलासपुर में बुधवार की रात सरकंडा थाने के सामने कॉलेज स्टूडेंट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। कुछ छात्र अपने साथी का जन्मदिन मनाने के लिए निकले थे। इसी दौरान शराब पीने के बाद पान दुकानदार अमित से उनका विवाद हो गया। जिस पर अमित ने युवक देवव्रत सिंह पर चाकू से हमला कर उसकी जान ले ली। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक, जशपुर जिले के लैलूंगा का रहने वाला देवव्रत सिंह पैकरा (22) साइंस कॉलेज में एमएससी का छात्र था। वह कॉलेज के पास किराए के रूम में रहता था। सीपत क्षेत्र का टेकर निवासी पंकज लास्कर उसका दोस्त है और वह सरकंडा थाने के सामने स्थित खेल परिसर में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है।
बुधवार को देवव्रत और पंकज के एक दोस्त दीपक का जन्मदिन था। रात में 4-5 दोस्त मिलकर जन्मदिन मनाने के लिए मोपका गए थे। सभी ने वहां शराब पी, फिर तीन बाइक पर सवार होकर खेल परिसर पहुंचे। वहां भी दोस्तों के साथ उन्होंने शराब पी। इस दौरान पंकज ने देवव्रत और उसके एक अन्य दोस्त को सिगरेट लाने के लिए भेजा। रात करीब 9 बजे पान दुकान संचालक अमित यादव से उधार की सिगरेट लेने को लेकर उनके बीच विवाद हो गया।
इस दौरान देवव्रत और उसके दोस्तों ने पान दुकान संचालक अमित के साथ गालीगलौज की, फिर उसकी पिटाई कर दी। जिसके बाद अमित ने अपनी दुकान बंद कर दी। फिर रात करीब 10.30 बजे उसने पंकज को फोन लगाया, तब उसने बताया कि वह खेल परिसर में है। इस बीच अमित चाकू लेकर वहां पहुंचा और पंकज को खोजने लगा, तभी वहां उसे देवव्रत मिल गया। अमित ने उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसके बाद उसके सीने को चाकू से गोद दिया, जिससे देवव्रत लहूलुहान होकर नीचे गिर गया।
बताया जा रहा है कि देवव्रत को खून से लथपथ देखकर पंकज और उसके दोस्त उसे छोड़कर भाग निकले। फिर पंकज ने रात करीब 11 बजे खेल परिसर के सिक्योरिटी गार्ड शंकर वस्त्रकार को फोन किया और बोला कि उसका दोस्त वहीं नशे में गिर गया है, जाकर देखो। तब शंकर उसे स्वीमिंग पुल के बाहर देखने गया। इस दौरान वह खून से लथपथ मौके पर पड़ा था और उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद शंकर ने अपने सुपरवाइजर के साथ ही पुलिस को घटना की जानकारी दी।
घटना की जानकारी मिलते ही सरकंडा पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने छात्र की लाश की पहचान किए बगैर ही उसे उठवाकर रात में अस्पताल भेज दिया, जिसके बाद गार्ड से पूछताछ कर पंकज को हिरासत में लिया गया। इसके बाद पुलिस ने उसके अन्य साथियों को भी पकड़ लिया।
पंकज और उसके दोस्तों से पुलिस ने पूछताछ की, तब सभी गोलमोल जवाब देते रहे। इस पर पुलिस ने उनकी जमकर पिटाई की। पुलिस की बेरहमी से पिटाई करने के बाद भी पंकज अपने आप को बेकसूर बताता रहा, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। आखिरकार बाद में युवकों के बयान के आधार पर रात में ही पुलिस ने अमित यादव को भी दबोच लिया, जिसके बाद उसने अकेले घटना को अंजाम देना बताया। पुलिस उसे हिरासत में लेकर हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद करने में जुटी रही।
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