Mahasamund News :नरवा विकास योजना से बाहरा नाला को मिला पुनर्जीवन

महासमुन्द, 05 अक्टूबर  नरवा विकास योजना राज्य शासन की एक महत्वाकांक्षी योजना है। परिकल्पना के अनुसार राज्य के समस्त नरवाओं के पुनर्जीवित व विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसी तारतम्य में महासमुन्द वनमण्डल के वन परिक्षेत्र महासमुन्द अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में महासमुन्द परिक्षेत्र के महासमुन्द परिवृत्त अंतर्गत कक्ष क्रमांक 34 में प्राकृतिक रूप से बहने वाले बाहरा नाला का उपचारित किया गया है।

बाहरा नाला की कुल लम्बाई 2.23 कि.मी. एवं जल संग्रहण क्षेत्र का रकबा 223.00 हेक्टेयर वन क्षेत्रफल का भू-जल संरक्षण एवं मृदा क्षरण उपचार किया गया है। बाहरा नाला के उपचार के लिए लूज बोल्डर चेकडेम, डाईक एवं 30-40 मॉडल कुल 561 संरचनाओं के निर्माण हेतु कुल 21.365 लाख की राशि का प्रावधान था। जिसमें से कुल 561 संरचनाओं के निर्माण हेतु 21.084 लाख की राशि कार्य पूर्ण किया गया है। बाहरा नाला के उपचार कार्य में ग्राम बोड़रा के ग्रामवासियों को 4,223 दिवस (सृजित मावन दिवस) के आधार पर 57 ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हुआ। उक्त निर्मित संरचना से वनक्षेत्र के जलस्तर में अत्यधिक सुधार देखने को मिल रहा है। जिससे वन्य प्राणियों के लिए बारह मासी नालों में पानी उपलब्ध हो पा रहा है।

नरवा विकास योजना ने बाहरा नाला के जल स्रोतों के उपचारित करने से पुनर्जीवन मिला है। जिससे भूमिगत जल स्तर में सुधार एवं मृदा क्षरण रोकने में महती भूमिका निभा रही है। भू-जल स्तर के रकबे की वृद्धि के साथ जैव-विविधता की स्थिति बेहतर हो रही है। वन्य प्राणियों के वन क्षेत्र के बाहर आबादी क्षेत्रों में आने की घटनाओं में कमी आई है। उक्त योजना से वन क्षेत्र में जल वृद्धि होने से वन्य प्राणियों के लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]