Exclusive: World Cup से पहले राहुल-हार्दिक समेत इन बैटर्स ने किए बैट में खास बदलाव, अब गेंदबाजों की खैर नहीं!

World Cup 2023: क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 कल से शुरू हो रहा है। टूर्नामेंट के ओपनिंग मैच में मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड और पिछले बार की उपविजेता न्यूजीलैंड अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भिड़ेंगी। वहीं, टीम इंडिया वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 अक्टूबर को चेन्नई में खेलेगी। टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज लोकेश राहुल, हार्दिक पंड्या समेत कुछ खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट में धमाल मचाने के लिए अपने बल्ले में कुछ बदलाव लिए हैं। सैंसपैरिल्स ग्रीनलैंड्स (एसजी) कंपनी के को-फाउंडर पारस आनंद ने गुजराती जागरण से खास बातचीत में इन बदलावों के बारे में विस्तार से बात की।

राहुल ने किया ये बदलाव

पारस आनंद ने कहा कि भारत के स्टार बल्लेबाज लोकेश राहुल पहले तीनों फॉर्मेट में ओपनिंग करते थे। हालांकि, अब वह मध्यक्रम में खेलते हैं। इसलिए उन्होंने बल्ले का वजन थोड़ा बढ़ा दिया है। पहले उनके बल्ले का वजन 1150 ग्राम था, अब उन्होंने वजन बढ़ाकर 1175 ग्राम कर लिया है। उनके बल्ले का आकार बिल्कुल भी नहीं बदला गया है। खाली वजन में माइनर बदलाव किया गया है।

हार्दिक ने राहुल से विपरीत बदलाव किया

पारस आनंद ने कहा कि भारत के उपकप्तान हार्दिक पंड्या ने भी अपने बैट में बदलाव किया है। हार्दिक का ये बदलाव राहुल से विपरीत है। इसका मतलब है कि उन्होंने बैट का वज़न कम किया है। पहले हार्दिक का बल्ला 1220 ग्राम का होता था, अब वह 1185 ग्राम का बल्ला इस्तेमाल करते हैं। इसका कारण यह है कि हार्दिक का फोकस पिछले कुछ समय से टी20 फॉर्मेट पर रहा था। जहां उसे ज्यादातर हीटिंग करनी होती है।

हालाँकि, वनडे में शुरुआती विकेट गिरने पर उन्हें इनिंग्स बिल्ड पर भी काम करना पड़ सकता है। इसलिए वह अब एक ऐसे बल्ले का उपयोग करते हैं जिसका वजन पहले के 1220 ग्राम की तुलना में 1185 ग्राम है। साथ ही उन्होंने बल्ले का ज्यादातर वजन ऊपरी हिस्से पर शिफ्ट कर दिया है, ताकि उन्हें बेहतर संतुलन मिल सके।

किशन ने 3 साल से अपने बैट में बदलाव नहीं किया

पारस आनंद ने कहा कि ईशान किशन का खेल को आगे बढ़ाने का अंदाज काफी स्थिर है। उन्होंने पिछले 3 साल से बैट में कोई बदलाव नहीं किया। इस विश्व कप में भी वह उसी प्रकार के बैट के साथ मैदान पर उतरेंगे जिससे उन्हें सफलता मिली है। उनके बल्ले का वजन 1140 ग्राम है। यह पहले से ही हल्के बल्ले से खेलते आ रहे है।

अश्विन डेथ ओवरों में हार्ड हिटिंग के लिए तैयार हैं

स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन की भारत की विश्व कप टीम में अंतिम समय में एंट्री हुई है। वह पिछले सप्ताह ही एसजी परिवार में भी शामिल हुए हैं। पारस आनंद ने कहा कि अश्विन ने बेहतर ऊंचाई पाने के लिए – बड़े शॉट्स अच्छे से खेलने के लिए अपने बल्ले के कर्व्स बढ़ाए हैं। उनके बल्ले का वजन 1180 ग्राम है।

भारतीय गेंदबाजों का बल्ला एक जैसा ही है

पारस आनंद ने कहा कि विश्व कप में गेंद से अच्छा प्रदर्शन करने और मैच जिताने की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज पर है। हालांकि, वे आवश्यकता पड़ने पर अंत में आवश्यक योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। तीनों बॉलर्स का वज़न एक जैसा – 1170 ग्राम से 1180 ग्राम की रेन्ज मै है।

राशिद खान बल्ले के मामले में हार्दिक पंड्या को फॉलो करते हैं

अफगानिस्तान के स्टार ऑलराउंडर राशिद खान के बारे में बात करते हुए पारस आनंद ने कहा कि राशिद बल्ले के मामले में हार्दिक पंड्या को फॉलो करते हैं। दोनों आईपीएल में गुजरात टाइटंस के लिए खेलते हैं और टीम के कप्तान-उपकप्तान हैं। राशिद के बल्ले का वजन भी 1185 ग्राम है और हर फीचर वैसा ही है जैसा पहले हार्दिक के बल्ले का बताया गया था।

लियाम लिविंगस्टोन का बल्ला दमदार है

इंग्लैंड के कुछ शीर्ष खिलाड़ी जैसे लियाम लिविंगस्टोन, सैम कुरेन और मार्क वुड भी एसजी बल्ले का उपयोग करते हैं। इन तीनों में से लिविंगस्टोन क्रिकेट जगत में अपनी हार्ड हीटिंग के लिए जाने जाते हैं। उनके बल्ले का वजन 1200 ग्राम है। जबकि सैम करन और मार्क वुड भी बल्ले से उपयोगी योगदान देने के लिए जाने जाते हैं। इस साल एशेज में वुड ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान किया था। इनके बल्लो का वजन क्रमशः 1180 ग्राम और 1170 ग्राम है।

सचिन का अब तक का सबसे भारी बल्ला

पारस आनंद ने कहा कि सचिन तेंदुलकर का बल्ला अब तक सबसे भारी रहा है। सचिन 1330 ग्राम वजन का बल्ला इस्तेमाल करते थे। टेनिस एल्बो की चोट के बाद उन्होंने यह वजन घटाकर 1270 ग्राम कर लिया। जहां तक ​​मेरी जानकारी है, किसी अन्य क्रिकेटर ने सचिन से ज्यादा भारी बल्ला इस्तेमाल नहीं किया है।

क्रिकेटरों के बल्ले की कीमत

क्रिकेटरों के बल्लों की कीमत के बारे में बात करते हुए पारस आनंद ने कहा कि उनके बल्लों की कीमत बाजार में 30 हजार से 40 हजार तक है। डिस्काउंट के बाद यह अंतिम राशि रहती है। जब हमने 2021 में 90 वर्ष कम्प्लीट किये थे, तब एक एसजी 90 इयर्स एनिवर्सरी क्रिकेट बैट लिमिटेड संस्करण जारी किया गया था। जिसकी कीमत 90 हजार थी। यह हमारा अब तक का सबसे महंगा बल्ला था।

एसजी की कहानी

1931 में केदारनाथ और द्वारकानाथ आनंद नाम के दो भाइयों ने सियालकोट में इस कंपनी की शुरुआत की। बंटवारे के बाद परिवार आगरा आ गया। 1950 में कंपनी की दोबारा शुरुआत मेरठ से हुई। 1994 से देश में खेले जाने वाले टेस्ट मैचों में केवल एसजी गेंदों का उपयोग किया जाता रहा है।

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