सेवानिवृत्ति के अवसर पर निदेशक तकनीकी संचालन श्री एस.के. पाल को दी गई भावभीनी विदाई
बिलासपुर, 4 अक्टूबर। दिनांक 30.09.2023 को कोलइण्डिया/एसईसीएल से सेवानिवृत्त होने वाले निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल के सेवानिवृत्त होने पर एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन स्थित प्रांगण में दिनांक 03.10.2023 को अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना-परियोजना/संचालन) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) श्री देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री जयंत कुमार खमारी, श्रद्धा महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा, उपाध्यक्षागण-श्रीमती रीतांजली पाल, श्रीमती आर. राजी श्रीनिवासन, श्रीमती संगीता कापरी, श्रीमती सुजाता खमारी, विशिष्ट अतिथिगण दिलीप नंदा, श्रीमती संध्यारानी नंदा, राजेन्द्र नंदा, श्रीमती ज्येातिर्मय नंदा, विभिन्न विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय महाप्रबंधकों, संचालन समिति, सुरक्षा समिति, कल्याण मण्डल के पदाधिकारियों, एससी/एसटी/ओबीसी, सीएमओएआई एवं विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति में भावभीनी विदाई दी गई।
इस कार्यक्रम में स्वागतोपरांत निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल ने कोलइण्डिया में अपने 38 वर्षों से अधिक सेवाकाल के दौरान सबके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कोयला क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार कर अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होते हुए निरंतर कार्यरत रहने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है। उन्होंने कहा एसईसीएल असीम संभावनाओं की कम्पनी है, यहाँ साधन, संसाधन की कोई कमी नहीं है, प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। एसईसीएल के पास जो ह्यूमन केपिटल है वो ब्राईट माईन्ड, टेलेन्टेड प्रोफेशनल्स से भरा है, हार्ड वर्किंग व डेडिकेटेड लोगों की टीम है, निश्चित रूप से यह टीम आने वाले समय में कम्पनी को नई ऊँचाईयों पर ले जाएगी। उन्होंने एसईसीएल में बिताए अपने पलों को साझा करते हुए एसईसीएल द्वारा दिए गए इस आत्मीय सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने कहा श्री पाल अपने कठिन परिश्रम, जटिलतम समय में ठोस निर्णय लेते हुए दूरगामी सोच व धैर्य से कार्य करते हैं। वे रचनात्मकता, कार्यकुशलता, सेवाभावना से आगे बढ़ते गए जो सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत व मिसाल हैं। अपनी लगन, मेहनत, अपनी सटीक निर्णय क्षमता के बलबूते ही वे एसईसीएल जैसी प्रतिष्ठापूर्ण कोयला उत्पादक कम्पनी के निदेशक तकनीकी संचालन जैसे जिम्मेदारीपूर्ण पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं । अंत में उन्होंने श्री पाल के सपरिवार सुखमय भविष्य की कामना ईश्वर से की ।
निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन ने कहा श्री पाल परिपक्व माईनिंग इंजीनियर हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी संयम को बनाए रखते हुए उसका हल निकाल लेना श्री पाल की सबसे बड़ी खूबी है।
निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी ने कहा कि श्री पाल की विपरीत परिस्थतियों में कार्य कैसे करना है, लक्ष्य तक कैसे पहुँचना है यह इनकी खूबी है। निदेशक (कार्मिक) श्री देबाशीष आचार्या ने कहा इनमें मानवीय दृष्टिकोण कूट-कूटकर भरा है। आप स्वप्नदृष्टा, कार्यनीतिज्ञ और कार्यकुशल व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी ने कहा श्री पाल की कोयला उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की विलक्षण शैली है। श्री पाल नयी तकनीकी एवं परम्परागत खनन पद्धति का समायोजन, खान दुर्घटनाओं में कमी लाने की तकनीक, खानों में उत्तम कार्य दशा, कामगारों एवं उनके परिवार के कल्याण आदि के लिए प्रयासरत रहे जो कि सराहनीय व प्रेरणास्पद है।
इस अवसर पर श्रमसंघ पदाधिकारीगण हरिद्वार सिंह (एटक), गोपाल नारायण सिंह (एसईकेएमसी), बीएम मनोहर (सीटू), ने अपने-अपने सम्बोधन में कहा कि श्री पाल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, नम्रता एवं मिलनसारिता की खान, कर्मठता की प्रतिमूर्ति हैं। आपने सदैव अधीनस्थों को प्रेरित कर वैचारिक व प्रेरणास्पद नेतृत्व मुहैया कराया जिससे लोग स्वमेव सर्वोत्तम प्रयास करते हुए निष्ठापूर्वक कार्य निष्पादित करने के लिए प्रोत्साहित हुए।
इस अवसर पर स्वागत भाषण महाप्रबंधक (विक्रय/विपणन) सी.बी. सिंह ने प्रस्तुत किया जबकि मानपत्र का पठन महाप्रबंधक कुसमुण्डा क्षेत्र संजय मिश्रा ने किया जिसे निदेशक मण्डल द्वारा एस.के. पाल को भेंट किया गया। कार्यक्रम में जनसंपर्क विभाग द्वारा संग्रहित फोटो एलबम व प्रेस कतरनें प्रस्तुत की गयी जिसे निदेशक मण्डल द्वारा श्री एस.के. पाल को भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रबंधक (पर्यावरण) शेख जाकिर हुसैन ने किया जबकि अंत में उपस्थितों को धन्यवाद ज्ञापित महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) आर.पी. सिंह ने किया।
कुशल प्रबंधक, नम्रता की मूर्ति एवं उत्कृष्टता की मिसाल
निदेशक (तकनीकी) संचालन श्रीयुत एस. के. कुमार पाल जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, नम्रता एवं कर्मठता की प्रतिमूर्ति श्रीयुत एस.के. पाल जी का जन्म दिनांक 15.09.1963 को उड़ीसा के ऐतिहासिक शहर पंचपड़ा के एक सुसंस्कृत एवं प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। आपके पिताजी का नाम स्व. श्री उना माधव है। चुनौतियों से जूझने एवं अपने प्रदत्त दायित्वों व कर्तव्यों के भलीभांति निर्वहन करने का व्यक्तित्व आपको विरासत में मिला है। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा के उपरांत आपने चूनौतीपूर्ण कर्मक्षेत्र का चयन किया और आपने आरईसी, राउरकेला से बैचलर ऑफ साइंस (माइनिंग इंजीनियरिंग) की डिग्री प्राप्त की है, और सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की उपाधि प्राप्त की है।
आपकी दूरदर्शिता, व्यापक अनुभव, कार्यदक्षता, कार्य-निष्पादन की कुशल कार्य-शैली, प्रबंधकीय क्षमता, कुशाग्रता, चुनौतियों से जूझने का जज्बा, लक्ष्य प्राप्ति की लगन तथा नित्यशील परिश्रम की विलक्षण क्षमता के फलस्वरुप आपने सभी क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निष्पादित किया। आपकी इसी क्षमताओं और कुशाग्रता के परिणाम स्वरूप आपने दिनांक 15.12.2020 को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में निदेशक (तकनीकी) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया एवं दिनांक 01.10.2022 को निदेशक (तकनीकी) संचालन का पदभार ग्रहण किया। आपने 01.10.2022 से 19.12.2022 तक निदेशक (तकनीकी) योजना एवं परियोजना का अतिरिक्त दायित्व भी संभाला। आप सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी आंध्रप्रदेश हैवी मशीन एण्ड इंजीनियरिंग लिमिटेड (एबीएचएमईएल) बोर्ड के एसईसीएल के नामिनी निदेशक भी रहे हैं।
आपने 1985 में कोल इंडिया लिमिटेड में कार्यभार ग्रहण किया तथा आपकी पदस्थापना महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में हुई। आपने 1988 में डीजीएमएस से फर्स्ट क्लास माईन मैनेजर्स सर्टिफिकेट प्राप्त किया। आपको एमसीएल एवं एसईसीएल की कोयला खदानों में परियोजना अधिकारी, उप-क्षेत्रीय प्रबंधक सब एरिया मैनेजर तथा महाप्रबंधक के रूप में विभिन्न पदों पर काम करने का गहन एवं व्यापक अनुभव है। एसईसीएल में, उप-क्षेत्रीय प्रबंधक-पिनौरा, महाप्रबंधक (खनन)-कुसमुंडा, क्षेत्रीय महाप्रबंधक-कोरबा व गेवरा क्षेत्र के रूप में कार्य किया। कॉर्पोरेट स्तर पर, आपने एसईसीएल में कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट सेल के विभागाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। एक टेक्नोक्रेट के रूप में, आपने एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान अर्थात गेवरा खुली खान परियोजना के खनन कार्य संचालन के अलावा जोहिला क्षेत्र की कंचन खुली खदान एवं कोरबा क्षेत्र की सरायपाली खुली खदान जैसे ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को प्रारंभ करने (कमीशनिंग) में योगदान दिया। परीक्षण (ट्रायल) आधार पर सुराकछार 3 व 4 भूमिगत खदान में बॉटम-ऐश के साथ हाइड्रोलिक स्टोविंग की भी आपने शुरूआत की, जिससे सतह संरचना के नीचे भविष्य में भूमिगत कोयला निष्कर्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
आवश्यक संरचनात्मक परिवर्तनों को शामिल करने के साथ ही ई-खरीदी/ई–निविदा की नियमावली को फिर से डिजाईन करने का श्रेय आपको जाता है, जिसमें एसईसीएल में सेवा अनुबंधों के लिए ई-निविदाएँ आवश्यक संराचत्मक परिवर्तनों को शामिल करने के साथ ही ई-खरीदी/ई-निविदा की नियमावली को शुरू करने एवं ईएसएम कोयला परिवहन कंपनियों के प्रायोजन के लिए सीआईएल एवं डीजीआर, एमओडी के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप देने में मदद मिली, जिसने कंपनी की कोयला उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंतर्राष्ट्रीय कार्य का भी विशेष अनुभव भी आपके नाम है जिसमें वर्ष 2016 में जर्मनी व चीन में उन्नत प्रबंधन विकास कार्यक्रम सह प्रशिक्षण में शामिल हुए। आपने 2009 में हेलसिंकी, फिनलैंड में परियोजना कार्यान्वयन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भी भाग लिया और इससे आपको कंपनी के समक्ष आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए तर्कपूर्ण सुझाव से निर्णय लेने की क्षमता विकास हुआ।
उत्पादन–उत्पादकता को बढ़ाने में आपकी विलक्षण शैली, नई टेक्नालॉजी एवं परम्परागत खनन पद्धति का समायोजन, खान दुर्घटनाओं में कमी लाने की तकनीक, उत्पादन लागत में कमी, खानों की उत्तम कार्य दशाओं में वृद्धि, कामगारों एवं उनके परिवार के कल्याण, खदानों का सतत् निरीक्षण से कोल इण्डिया का उत्पादन दिनों दिन बढ़ता रहा है। निदेशक तकनीकी के रूप में आपने कार्यकाल के दौरान, प्रौद्योगिकी की कमी को पूरा करने के लिये कई नवीन पहल किये तथा नीतिगत कदम उठाया। साथ ही नई प्रौद्योगिकी अपनाने के लिये आप निरंतर प्रयासशील रहे। निरंतर उत्पादन लक्ष्य बढ़ने के साथ ही, कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिये नई-नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिये आप सदैव तत्पर रहे, जिसका परिणाम है कि आपके कार्यकाल में एसईसीएल में भी कुछ अन्य और नई खदानें खोली गई एवं कोयला परिवहन हेतु नई रेल लाइन बिछाने का कार्य एसईसीएल की दो सहायक कम्पनियों सीईडब्ल्यूआरएल एवं सीईआरएल के माध्यम से किया जा रहा है, जो लगभग पूर्ण होने के कगार पर है।
• आपको जियोमाइनटेक (GIOMINETECH) के अधीन 2022 – 2023 का बेस्ट डायरेक्टर कार्पोरट मैनेजमेंट एण्ड इनोवेटिव लीडरशिप अवार्ड भी प्राप्त हुआ ।
• आपकी इस उपलब्धिपूर्ण जीवनयात्रा में आपकी जीवन-संगिनी श्रीमती रीतांजलि पाल की अत्यंत महत्वपूर्णं भूमिका रही। श्रीमती पाल शिक्षित, सुसंस्कृत होने के साथ-साथ कुशल गृहिणी के रूप में पारिवारिक-सामाजिक जिम्मेदारियों के बखूबी निर्वहन के लिए एक आदर्श महिला के रूप में जानी जाती है।
• श्रद्धा महिला मंडल की उपाध्यक्षा का दायित्व संभालते हुए आप समाज कल्याण के कार्यों में काफी सक्रिय रहीं तथा सांस्कृतिक कार्यकलापों में संबद्ध रहते हुए भी आपकी प्रेरणास्त्रोत रहीं और आपकी विकास यात्रा में उन्होंने चरण-दर-चरण महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई।
• आपके दो पुत्र हैं आपका बड़ा पुत्र सोहन पाल, वाशिंगटन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तथा आपका छोटा पुत्र सांईओम पाल भी पूणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है।
हम परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करते है जिस तरह आपका कर्म-जीवन उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है उसी तरह आप जीवन में आगे भी सफलता प्राप्त करें। आप जहाँ भी रहे, सपरिवार सानन्द, सुखी, सम्पन्न, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। एसईसीएल परिवार आपके सुखद भविष्य की कामना करता है।
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