उज्जैन। सतना की नाबालिग से उज्जैन में आटो चालक द्वारा दरिंदगी का मामला सामने आया था। इसके बाद से अब उज्जैन यातयात पुलिस आटो चालकों की डिटेल जुटाने में लगी है। जल्द ही एक मोबाइल एप्लीकेशन लांच किया जाएगा। एप में शहर के सभी आटो व ई रिक्शा की जानकारी रहेगी। यात्री सवार होने पर क्यूआर कोड स्कैन कर सकेंगे, जिससे उन्हें आटो व चालक की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसे स्वजन को भेजा भी जा सकता है।
एप में शराब हर आटो की होगी जानकारी
उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद यात्रियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। बीते दिनों सतना की नाबालिग से आटो चालक द्वारा दरिंदगी की गई थी। इसके बाद उज्जैन की यातायात पुलिस द्वारा आटो पर यूनिक नंबर दर्ज करने के अलावा एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसकी मदद से यात्री खासकर महिला यात्री आटो, ई रिक्शा में सुरक्षित यात्रा कर सकेंगी। शुरुआती दौर में एप में शहर के सभी ऑटो रिक्शा की जानकारी रहेगी।
यात्री वाहन में सवार होने पर क्यूआर कोड स्कैन कर सकेंगे। जिससे गाड़ी व चालक की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। इसे स्वजन को भी भेजा जा सकेगा। ट्रैफिक पुलिस इसके लिए शहर में चलने वाले करीब 10 हजार ऑटो रिक्शा व ई रिक्शा का डेटा उपलब्ध कराएगी।
इस तरह काम करेगा एप
यह मोबाइल एप महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रख बनाया जा रहा है। प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड किया जा सकता है। हर ऑटो रिक्शा में क्यूओर कोड चस्पा रहेगा। रिक्शा में सवार होते समय महिलाएं अपने स्मार्ट फोन से आटो व ई रिक्शा की स्क्रीन पर लगा कोड स्कैन करेगी तो उसका पूरा रिकार्ड आ जाएगा। यात्री इस जानकारी को स्वजन को भी भेज सकेंगे। इसके बाद रास्ता भी ट्रैक किया जा सकेगा।
यह रहेगा खास
- शहर में चलने वाले सभी आटो व ई रिक्शा के नंबर का रिकार्ड रहेगा।
- दूसरे दौर में मैजिक, टैक्सी को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
- वाहन मालिक, चालक का नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज रहेगा।
- जीपीएस के जरिए लोकेशन भी ली जा सकेगी।
- एसओएस विकल्प भी मौजूद रहेगा जिसमें स्वजन का नंबर जोड़ा जा सकेगा। खतरा लगने पर एसओएस बटन के जरिए स्वजन को अलर्ट किया जा सकेगा।
वर्ष 2019 में चार हजार आटो को दिए थे यूनिक नंबर
टीआइ दिलीपसिंह परिहार के अनुसार वर्ष 2019 में शहर के सभी आटो व चालक की जानकारी जुटाई गई थी। 4155 आटो को यूनिक नंबर दिए गए थे। महाकाल लोक बनने के बाद आटो व ई रिक्शा की संख्या में तीन गुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। इस कारण सभी की जानकारी जुटाई जा रही है।
आटो व ई रिक्शा में सुरक्षित यात्रा के लिए मोबाइल एप बनाने की योजना है। यात्री अपने स्मार्ट फोन से आटो व ई रिक्शा में लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर सकेंगे। जिससे उन्हें वाहन तथा चालक की पूरी जानकारी मिलेगी। जीपीएस से उनकी लोकेशन भी पता चलेगी। वहीं खतरा होने पर स्वजन को अलर्ट का मैसेज भी भेजा सकेगा। – दिलीपसिंह परिहार, ट्रैफिक टीआइ, उज्जैन
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