कोरिया, 03 अक्टूबर । भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियमों को अधिसूचित किया है। विदित हो कि 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि इसकी उपयोगिता कम और कूड़ा फैलाने की क्षमता अधिक है।
पर्यावरण मंत्रालय ने स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों पर कूड़े-कचरे वाले एकल उपयोग वाले प्लास्टिक आइटम प्लास्टिक के प्रतिकूल प्रभावों को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के कारण होने वाले प्रदूषण से निपटना सभी देशों के सामने एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती है।
अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी है कि कूड़े-कचरे वाले सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। प्लास्टिक की छड़ियों के साथ इयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्माेकोल), प्लास्टिक की प्लेटें, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिरर के चारों ओर रैपिंग या पैकिंग फिल्म आदि प्रतिबंध है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम के तहत पचहत्तर माइक्रोन से कम मोटाई वाले और एक सौ से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि प्लास्टिक के खतरे को रोकने में सबकी जनभागीदारी जरूरी है। उद्यमियों, उद्योग, केंद्र, नगरीय निकायों, विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों, अनुसंधान एवं विकास और शैक्षणिक संस्थानों एवं आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे सभी प्लास्टिक के समानों, वस्तुओं का उत्पाद, विक्रय न करें। तालाबों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की है साथ ही प्रतिबंध प्लास्टिक के उत्पाद, विक्रय करते पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी।
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