राजस्थान के उदयपुर जिले में सोमवार को बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते बच गया. यह हादसा हाल ही में शुरू में हुई वंदे भारत ट्रेन के साथ हो सकता था. उदयपुर-जयपुर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था. इसके बाद वंदे भारत एक्सप्रेस 24 सितंबर से लगातार उदयपुर मार्ग पर चल रही है. सोमवार को वंदे भारत जयपुर से वापस उदयपुर आ रही थी. तभी रेल की पटरियों पर बड़ी संख्या में पत्थर और लोहे की कड़ियां रख दी गईं. वंदे भारत ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई.
इस रूट में वंदे भारत ट्रेन को शुरू हुए अभी 10 दिन हुए हैं. यह तीसरी बार है जब वंदे भारत ट्रेन बड़े हादसे का शिकार होने से बची है. ट्रायल के दौरान भी एक मवेशी ट्रेन से टकरा गया था. ट्रेन के आगे के पार्ट्स को नुकसान हुआ था. उसके 2 दिन बाद ही ट्रेन के बोगी का किसी ने कांच को तोड़ दिया था. उसके बाद अब ट्रेन की पटरी पर पत्थर और लोहे की कड़ियां रखकर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई.
कुछ देर पत्थरों पर चलाने के बाद ट्रेन को रोक
सोमवार को सुबह जब अपने समय से वंदे भारत एक्सप्रेस उदयपुर से रवाना हुई, जो मावली-चित्तौड़गढ़ से होते हुए सुबह 9:55 बजे गंगरार से आगे सोनीयाना स्टेशन के बीच ट्रेन की पटरी पर पत्थर और लोहे की कड़ियां मिली. जिस पर कुछ पर तो ट्रेन चली लेकिन ट्रेन चालक की सूझबूझ रही कि कुछ ही दूर तक ट्रेन चलने के बाद तुरंत ट्रेन को रोक दिया गया. नीचे उतर कर देखा तो पटरी पर लोहे के कड़ियां और पत्थर रखे हुए थे.
इस दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठे यात्रियों में भी हड़कंप मच गया. इस घटना को लेकर संबंधित पुलिस और रेलवे विभाग और सीआरपीएफ को सूचना दी गई. मौके पर रेलवे विभाग के कर्मचारी पहुंचे. पत्थर और लोहे की कड़ियों को हटाया गया. इसके बाद फिर से वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया गया.
जीआरपीएफ पुलिस जांच में जुटी
ट्रेन को रवाना करने के बाद रेलवे पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है कि आखिर पटरी पर पत्थर और कड़ियां किसने रखी? रेलवे के आला अधिकारी भी मामले की गहनता से जांच में लगे हुए हैं.
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