स्वच्छता की शुरूआत कागजों में नहीं अपने घर, गली और मुहल्लों से करें- डॉ. संजय गुप्ता ।
दीपका, 30 सितम्बर I जहाँ पूरे राष्ट्र में स्वच्छता की अलख जगाने तथा लोगों को स्वच्छ रहने को जागरूक करने के उददेश्य से विविध आयोजन हो रहे है वहीं दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों के द्वारा स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत विद्यालय परिसर में श्रमदान कर साफ सफाई कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया। श्रीमती सोमा सरकार (शैक्षणिक प्रभारी) के दिशा निर्देशन में सभी शिक्षक की स्टाफ ने विद्यालय के आसपास एवं विद्यालय में निर्मित हर्बल गार्डन की साफ सफाई की एवं श्री राजू कौशिक के दिशा निर्देशन में इंडस पब्लिक स्कूल दीपिका के विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर एवं आसपास के कचरो को साफ कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया ।
स्वच्छता ही सेवा अभियान में विद्यालय के अधिकांश विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।विद्यार्थयों ने विद्यालय परिसर की साफ सफाई करके माध्यम से लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया। सभी विद्यार्थियों ने शिक्षकों सहित स्वच्छता शपथ ली एवं स्वच्छता की शुरुआत अपने घर से करके लोगों को स्वच्छता के प्रति संदेश देने हेतु संकल्पित हुए। विद्यार्थियों ने श्रमदानकर एवं स्वच्छता से संबंधित रचनाओं से स्वच्छ भारतवर्ष बनाने का संदेश दिया।
गौरतलब है कि भारत सरकार के द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक स्वच्छता ही सेवा कैपेन का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है।इस कैंपेन में आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।विद्यार्थियों ने दीपका क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सफाई कर जनसमुदाय को स्वच्छता का संदेश दिया।साथ ही प्रेरक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमुदाय को स्वच्छता का महत्व बताया।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यासलय में श्रमदान एवं स्वच्छता शपथ हेतु राजू कौशिक, हेमलाल श्रीवास के साथ ही साथ अन्य विषय शिक्षकों ने विद्यार्थियों को निरंतर निर्देशित किया। इस अभियान में में सभी कक्षा के विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि यदि होगी स्वच्छ धरा तो होगा जीवन खुशियों से भरा। स्वच्छता की शुरूआत हमे स्वयं क घर गली मोहल्ले से करनी चाहिए क्यों कि स्वच्छता यदि रहेगी तो बेशक हमारा शरीर भी स्वच्छ रहेगा और हमारा सामाजिक परिवेश भी स्वच्छ रहेगा। जिससे हमारा शारीरिक व मानसिक विकास भी समानांतर होगा और आने वाली पीढ़ी को हम एक नए भारत का स्वरूप प्रस्तुत करेंगे।
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