उम्मीदों के रहबर, हौसलों के कारीगर – एसके पाल , डीटीओ एसईसीएल

उनके मंजे बातों के हम सभी मुरीद रहे हैं , उनकी सरलता ने सभी को सहज रहकर काम करने के लिए प्रेरित किया है , प्लानिंग पर ज़ोर देते हुए वे अक्सर आने वाले चुनौतियों की ओर आगाह करते हैं , वे कार्य की समीक्षा में निपुण हैं और संवेदना में बेहद धनी – श्री एसके पाल , निदेशक तकनीकी संचालन ने अपनी शैली और शख़्सियत से एसईसीएल का गौरव बढ़ाया है ।
कोयला उद्योग में लगभग 38 वर्षों का उनका गौरवशाली कैरियर रहा । तत्कालीन रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, राउरकेला से माइनिंग में इंजीनियरिंग करने के उपरांत वर्ष 1985 में वे कोल इण्डिया में आये ।

महानदी कोलफ़ील्ड्स की तालचेर कोलियरी से उन्होंने सेवा की शुरुआत की । वे हिंगुला, वसुंधरा ओपनकास्ट परियोजनाओं में कॉलरी मैनेजर के रूप में पदस्थ रहे तथा लगभग 17 वर्षों की सेवा उपरांत एसईसीएल में पदार्पण किया । जोहिला क्षेत्र की पिनौरा माईन के प्रोजेक्ट ऑफिसर के रूप में आपने कई वर्षों तक काम किया फिर आपको कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट ऑफिसर की ज़िम्मेदारी दी गई । आपने कॉर्पोरेट मुख्यालय कार्यालय में महाप्रबंधक सीएमसी के रूप में भी काम किया तथा कोरबा एरिया के महाप्रबंधक के रूप में लगभग तीन साल तथा गेवरा मेगा प्रोजेक्ट के एरिया जीएम के रूप में लगभग दो वर्षों तक अपनी सेवाएँ दी । आप लगभग तीन वर्षों तक एसईसीएल के निदेशक तकनीकी रहे और आज एसईसीएल के निदेशक तकनीकी संचालन के रूप में सेवानिवृत्त हो रहे हैं ।


एसईसीएल परिवार की ओर से एक गौरवशाली कैरियर पूर्ण करने पर सर को हार्दिक बधाई तथा भविष्य की स्वर्णिम शुभकामनाएँ ।

“उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए ।”