PMGSY 3 की सड़कें अफसरों, ठेकेदारों की जुगलबंदी से चढ़ीं भ्रष्टाचार की भेंट,5 करोड़ की लागत से तैयार औराई -तुमान -चिकनीपाली मार्ग दो साल भी नहीं टिका, जगह जगह उखड़ने लगी ,ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई जांच, मरम्मत की गुहार…….

कोरबा, 28 सितम्बर । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय ) III के बैच – 1 के तहत अकांक्षी जिला कोरबा में तैयार सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। हालात ऐसे हैं ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें संधारण (मरम्मत) अवधि की आधी मियाद में ही उखड़ने लगी हैं। टी 04 से औराई चिकनीपाली व्हाया फतेगंज तक 5 करोड़ 3 लाख 75 हजार की लागत से तैयार 8.90 किलोमीटर सड़क में चिकनीपाली धान उपार्जन केंद्र के समीप का सड़क पूरी तरह उखड़ गया है। अफसरों एवं ठेकेदारों की जुगलबंदी से मरम्मत अवधि में भी सड़कों के मरम्मत की अनदेखी गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण से आहत ग्रामीणों ने कलेक्टर से जिम्मदारों पर उचित कार्रवाई कर तत्काल मरम्मत कराए जाने का अनुरोध किया है।

मेसर्स आर .के .ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कोरबा द्वारा 15 जनवरी 2022 को तैयार सड़क का संधारण कार्य ऑन द रिकार्ड 11 मार्च 2022 से 10 मार्च 2027 तक(5 वर्ष) की है। लेकिन इसके बावजूद फर्म द्वारा कई पेंच में उखड़ रही सड़क का मरम्मत करने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही। निश्चित तौर पर सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत का कार्य 15 अक्टूबर (अधिकृत वर्षाकाल ) के बाद ही होता है लेकिन निर्माण के दौरान गुणवत्ता हीन सामग्रियां प्रयुक्त करने की वजह उखड़ रही सड़क की सुध लेना तक विभाग के अधिकारी मुनासिब नहीं समझ रहे। जिसकी वजह से मार्ग से आवागमन करने वाले ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। शीघ्र सुधार नहीं होने की दशा में करीब दो माह बाद शुरू होने वाले धान खरीदी अभियान के कार्य में ट्रैक्टर से धान बिक्री करने वाले किसानों की मुसीबतें बढ़ जाएंगी।

ग्रामीणों की सुनें

हुआ है भ्रष्टाचार ,कलेक्टर करवाएं जांच ,कराएं तत्काल मरम्मत

सड़क निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार किया गया है ,सड़क दो साल भी नहीं टिकी । ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। धान खरीदी के दौरान समस्या और बढ़ जाएंगी। कलेक्टर सर से अनुरोध है कि प्रकरण की त्वरित जांच कराएं।

संतोष कुमार साहू पंच ,चिकनीपाली

सड़क बनने के बाद इंजीनियर झांकने तक नहीं आए

सड़क बनाने मात्र से विभाग को सरोकार है। इंजीनियर ,अधिकारी देखने तक नहीं आए ।आवागमन में परेशानी हो रही ,शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो कलेक्टोरेट कूच करेंगे। क्लेक्टर सर से अनुरोध है कि मामले की जांच करवाएं।

कैलाश कुमार ,ग्रामीण चिकनीपाली

जुगलबंदी से संधारण राशि का हो रहा बंदरबाट

पीएमजीएसवाय के सड़कों की संधारण (मरम्मत) अवधि 5 वर्ष की रहती है। सड़क के निर्माण राशि के अनुपात में मरम्मत के लिए भी एक निश्चित राशि भी तय रहती है। लेकिन ठेकेदार और अफसरों की जुगलबंदी से पिछले 2 साल में बने सड़कों में भ्रष्टाचार की परतें उखड़ने लगी है। मेसर्स आर .के. टी सी .कोरबा की औराई -चिकनीपाली -फतेगंज ही नहीं 3 करोड़ 45 लाख 42 हजार की लागत से तैयार बरपाली -तुमान 4 .30 किलोमीटर सड़क भी बेहद गुणवत्ताहीन है । सलिहाभांठा -पकरिया के समीप सड़क कई हिस्सों में उखड़ गया था ,जिस पर लीपापोती की परतें चढ़ाई गई थीं,वर्तमान में भी सड़क की साइड शोल्डर कई पेंच में उखड़ रही हैं।

4 करोड़ 40 लाख की लागत से तैयार 8 .50 किलोमीटर भैसमा रिंगरोड मार्ग में भी गुणवत्ता की अनदेखी साफ झलक रही है। मेसर्स डी.सी.कंस्ट्रक्शन द्वारा बालको से गढ़ उपरोड़ा व्हाया सतरेंगा तक 23 करोड़ 37 लाख 9 हजार की लागत से 10 फरवरी 2022 को तैयार 37 किलोमीटर सड़क में भी गुणवत्ता की अनदेखी साफ झलक रही है। कई जगह सड़कें टूट रही है। साइड शोल्डर निर्माण के 6 माह में भी उखड़ गई थीं। मेसर्स सुनील कुमार अग्रवाल द्वारा 19 करोड़ 33 लाख की लागत से तैयार सूतर्रा से तिलवारीपारा व्हाया डोंगरी -बसंतपुर मदनपुर से बिंझरा व्हाया सगुना ,तानाखार से बिंझरा व्हाया सगुना,तानाखार से बिंझरा व्हाया बरतराई डोंगातराई भांवर ,पसान पिपरिया से खोडरी व्हाया कुम्हारीसानी तक की सड़क भी बेहद चर्चित रही है। मेसर्स आर .के. टी सी .कोरबा की उड़ता -करतला पुटा ,चैतमा से टिवरता की सड़कें भी उखड़ रही है।

बॉक्स

एनक्यूएम ,एसक्यूएम की कार्यशैली चर्चे में

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों की तकनीकी मापदंड ,मानक ,गुणवत्ता का परीक्षण केंद्र एवं राज्य स्तर से होती है। केंद्र से नेशनल क्वॉलिटी मॉनिटर (एनक्यूएम )एवं राज्य से
स्टेट क्वॉलिटी मॉनिटर (एसक्यूएम ) गुणवत्ता एवं तकनीकी मानकों का परीक्षण करती है। हर 6 माह में टीम पहुँचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। आकांक्षी जिला कोरबा में सड़कों की जो दशा है उसे देखकर दोनों तकनीकी टीमों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे,विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मिलीभगत कर गुणवत्ताहीन सड़कों को भी गुणवत्तापूर्ण होने का क्लीनचिट देकर जनता की जान को जोखिम डाला जा रहा है । इनकी केंद्र शासन से जांच एवं उचित कार्रवाई की दरकार है ।यही नहीं क्लेवटर चाहें तो अंतर्विभागीय जांच समिति गठित कर परीक्षण करवा सकते हैं।

वर्जन

अंडर मेंटेनेंस पिरेड में हैं ,जल्द करेंगे सुधार

सड़कें मरम्मत अवधि के भीतर हैं ,वर्षाकाल समाप्त होते ही तकाल मरम्मत कराएंगे । गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा गया है।

सन्तोष नाग ,ईई पीएमजीएसवाय