स्वच्छता की शुरूआत कागजों में नहीं अपने घर, गली और मुहल्लों से करें – डॉ. संजय गुप्ता


कोरबा, 27 सितम्बर । जहाँ पूरे राष्ट्र में स्वच्छता की अलख जगाने तथा लोगों को स्वच्छ रहने को जागरूक करने के उददेश्य से विविध आयोजन हो रहे है वही दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों के द्वारा स्वच्छता विषय पर चित्रकला, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। श्रीमती सोमा सरकार (शैक्षणिक प्रभारी) के दिशा निर्देशन में चित्रकला प्रतियोगिता एवं श्री राजू कौशिक के दिशा निर्देशन में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।

विद्यालय में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यालय के अधिकांश विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।विद्यार्थयों ने बहुत ही आकर्षक चित्रों एवं प्रेरक लेखों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया।विद्यार्थियों की रचनाओं से स्वच्छता के प्रति चिंता साफ जाहिर हो रही थी। विद्यार्थियों ने स्वच्छता विषय पर बहुत ही सुंदर नाटिका का मंचन विद्यालय सहित दीपका क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में किया । विद्यार्थियों की इस प्रस्तुति पर सभी ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति एवं रचनाओं से भारतवर्ष को स्वच्छ भारतवर्ष बनाने का संदेश दिया। गौरतलब है कि भारत सरकार के द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक स्वच्छता ही सेवा कैपेन का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है।इस कैंपेन में आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।विद्यार्थियों ने दीपका क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सफाई कर जनसमुदाय को स्वच्छता का संदेश दिया।साथ ही प्रेरक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमुदाय को स्वच्छता का महत्व बताया।


स्वच्छता ही सेवा थीम पर नुक्कड़ नाटक हेतु विद्यार्थियों को श्री राजू कौशिक,श्री हेमलाल श्रीवास के साथ ही साथ अन्य विषय शिक्षकों ने निरंतर निर्देशित किया।इस नाटिका में कक्षा 8 वीं एवं 9 वीं के विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।


इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि यदि होगी स्वच्छ धरा तो होगा जीवन ख्ुशियों से भरा। स्वच्छता की शुरूआत हमे स्वयं क घर गली मोहल्ले से करनी चाहिए क्यों कि स्वच्छता यदि रहेगी तो बेशक हमारा शरीर भी स्वच्छ रहेगा और हमारा सामाजिक परिवेश भी स्वच्छ रहेगा। जिससे हमारा शारीरिक व मानसिक विकास भी समानांतर होगा और आने वाली पीढ़ी को हम एक नए भारत का स्वरूप प्रस्तुत करेंगे।

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