नई दिल्ली । 35 देशों के डेलीगेट और 22 देशों के आर्मी चीफ व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भारत में हैं। यह सभी विदेशी मेहमान ‘इंडो पेसिफिक आर्मीज चीफ कॉन्फ्रेंस’ यानी आईपैक में शामिल होने के लिए भारत आए हैं। हालांकि, इस दौरान भारत ने स्पष्ट किया है हम किसी सैन्य गठबंधन पर विचार नहीं कर रहे हैं।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन एकतरफा अधिकार जताता है। मंगलवार को आईपैक कांफ्रेंस के दौरान भारतीय थल सेना अध्यक्ष ने चीन का नाम लिए बिना कहा, हम किसी भी तरह के विवाद का शंतिपूर्ण हल चाहते हैं। इसके लिए सभी देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए। लड़ाई से इसका समाधान नहीं हो सकता।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का मानना है कि इस सम्मेलन का उद्देश्य किसी को टारगेट करना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत सभी मसलों के शांतिपूर्ण हल का पक्षधर है। भारतीय सेना अध्यक्ष ने कहा कि भारत बल प्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन को मान्यता देता है। हम सभी देशों की संप्रुभता और अखंडता को बनाए रखना चाहते हैं।
दिल्ली में आयोजित हो रहा 13वां इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक यह दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य कांफ्रेंस है। दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 27 सितंबर तक चलने वाली कॉन्फ्रेंस में भारत, अमेरिका, कनाडा समेत 22 देशों के सैन्य प्रमुख व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हैं। यहां जनरल पांडे ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य सैन्य सहयोग के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना, सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।
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