कोरबा, 26 सितम्बर। बच्चों और युवाओं के प्रिय गणेश को मूषकों के साथ क्रिकेट की पिच पर खेलते और चौके-छक्के लगाते देखकर न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी रोमांचित हो रहे हैं।
गणेश की बारात और फिर स्वरुचि भोज के साथ डीजे की धुन पर नाचते हुए देव और गण को देख बच्चे-युवतियां-महिलाएं भी अपने आप को डीजे पर थिरकने से रोक नहीं पा रहे और खूब सेल्फी ले रहे हैं। कुछ घण्टे के लिए यह वातावरण ठीक उसी तरह लगता है जैसे कि हम सामान्य बारात में शामिल होते हैं।
यह नजारा कोरबा शहर के मध्य सीतामढ़ी महात्मा गांधी मार्ग में प्रसिद्ध गणेश उत्सव समिति के द्वारा भक्तों के लिए प्रस्तुत किया गया है। विशालकाय पंडाल में प्रवेश करते ही सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन होते हैं जो लंका दहन कर रहे हैं। प्रकृति की गोद में भगवान गणेश के विशाल स्वरूप का दर्शन आध्यात्मिक और आत्मिक सुख-शांति की अनुभूति कराता है। इसके बाद लक्ष्मण झूला को पार कर गुफाओं से होते हुए एक से बढ़कर एक जीवंत झांकियों को देख यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु रोमांचित और श्रद्धा से भर जाते हैं। माता पार्वती के मैल से निर्मित गणेश की बाल प्रतिकृति देखते ही बनती है और गणेश की उत्पत्ति की पौराणिक कथा अनायास ही याद आ जाती है। इसके बाद विशाल नंदी पर सवार भोलेनाथ के साथ सेल्फी खिंचवाते भक्त नजर आते हैं।
आगे बढ़ने पर बड़े से मैदान में बाल गणेश की क्रिकेट टीम अपने-अपने पोजीशन पर डटी दिखती है और माता पार्वती एवं भगवान शंकर क्रिकेट के मैच का आनंद ऊपर बैठकर लेते दिखते हैं। देवर्षि नारद के द्वारा बीच-बीच में नारायण-नारायण के उद्घोष के साथ की जा रही कमेँट्री लोगों को काफी भा रही है और वह मैच का कुछ देर ठहर का आनंद भी ले रहे हैं। यहां से आगे बढ़ने पर एक बड़े दरवाजे के सामने माता पार्वती और भगवान शंकर खड़े नजर आते हैं जो आगन्तुकों का स्वागत करते प्रतीत होते हैं और भीतर जाने पर गणेश भगवान की बारात सजी है।
बारात में देवगण झूम और नाच रहे हैं तथा गीतों का आनंद भी ले रहे हैं। इससे आगे बढ़े तो दृश्य देख हर कोई वाह-वाह कर उठता है। यहां रिसेप्शन का आयोजन किया गया है जिसमें दोनों तरफ लगे स्टाल में विभिन्न देव व्यंजनों का स्वाद लेते जीवंत झांकी बनाई गई है। सामने डीजे की धुन पर देवगण और बाराती नाच रहे हैं। स्टेज पर भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि के साथ बैठकर एक दूल्हे की भूमिका में नजर आ रहे हैं। यहां आने वाले दर्शकों के लिए आयोजान समिति के द्वारा डीजे भी लगवाया गया है जो अपने आप को श्री गणेश के बारात में शामिल कर झूम नाचकर आनंद ले रहे हैं। एक पंडाल में भगवान गणेश के जन्म से विवाह तक कि झलक देखने को मिल रही है।
पूरा पंडाल घूम कर बाहर निकलने के बाद भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था समिति के द्वारा की गई है। अलग-अलग दिन अलग-अलग प्रसाद का वितरण कराया जा रहा है। सोमवार को यहां प्रसाद वितरण का नजारा कुछ अलग ही था। 10 अलग-अलग तंदूर भट्टी में भक्तों के लिए प्रसाद तैयार हो रहे थे। छोले और तंदूरी रोटी का प्रसाद भक्तों में बांटा गया जिसमें कम से कम 10000 श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया होगा। इस विशाल आयोजन को सफल बनाने में प्रसिद्ध गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी एवं स्थानीय वरिष्ठ जनों का मार्गदर्शन एवं कनिष्ठ कार्यकर्ताओं तथा युवाओं का परस्पर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
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