वाशिंगटन । नासा के पहले स्टेरॉयड के नमूनों के साथ एक अंतरिक्ष कैप्सूल रविवार को लैंडिंग के लिए यूटा रेगिस्तान की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, अंतरिक्ष कैप्सूल चट्टानी सामग्रियों को लेकर आ रहा है।ओसिरिस-आरएक्स अंतरिक्ष कैप्सूल को 63,000 मील दूर से छोड़ा गया। कैप्सूल के चार घंटे बाद सेना के यूटा टेस्ट एंड ट्रेनिंग रेंज में पैराशूट से उतरने की उम्मीद थी। विज्ञानियों को बेन्नू नामक स्टेरॉयड से कम से कम एक कप मलबा मिलने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इन नमूनों की मदद से विज्ञानियों को बेहतर ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी और जीवन का निर्माण कैसे हुआ।
कब शुरू हुआ था अभियान?
साल 2016 में ओसिरिस-आरएक्स ने उड़ान भरी थी, यह तकरीबन एक बिलियन डॉक्टर का मिशन है और दो साल बाद यह स्टेरॉयड बेन्नू पहुंचा। ओसिरिस-आरएक्स ने सबसे कठिन चुनौतियां का सामना करते हुए 2020 में स्टेरॉयड बेन्नू की सतह से चट्टानी सामग्रियों (धूल और कंकड़) को एकत्रित किया और अब चट्टानी सामग्रियों को लेकर वापस लौट रहा है। अबतक ओसिरिस-आरएक्स ने 6.2 अरब किलोमीटर की यात्रा की।
कैसे धरती पर आएंगे नमूने?
रिपोर्ट के मुताबिक, ओसिरिस-आरएक्स खुद धरती में नहीं आएगा, बल्कि एक कैप्सूल की मदद से स्टेरॉयड बेन्नू की सतह से एकत्रित किए गए नमूनों को यूटा रेगिस्तान में उतारा जाएगा। ओसिरिस-आरएक्स अब पहले से ही निर्धारित एक और स्टेरॉयड को टारगेट कर रहा है। यूटा में रेज में एक अस्थायी कमरा तैयार किया गया है, जहां पर नमूनों को रखा जाएगा। इसके बाद नमूने को सोमवार को ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
[metaslider id="347522"]