रायपुर, 21 सितम्बर। आयुष्मान भारत का नया पोर्टल लोगों के साथ ही सीएससी (लोकसेवा केंद्र) और च्वाइस सेंटर संचालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हालात ऐसे हैं कि पहले जहां ओटीपी के जरिए आसानी से लोगों का पंजीयन से लेकर कार्ड भी बन जाता था, लेकिन अब नया पोर्टल आने के बाद से पोर्टल खुल ही नहीं रहा है।
वहीं कुछ दिनों पहले तक नया पोर्टल खुल तो रहा था, लेकिन इसमें भी किसी भी हितग्राही का बना हुआ कार्ड या फिर पंजीयन नंबर डालने के बाद भी उनका कार्ड पेंडिंग ही दिखा रहा है। इसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि आयुष्मान का पोर्टल बदल दिया गया हो, ऐसा लगातार लगभग हर एक निश्चित अंतराल में किया जा रहा है। अब तक दो से तीन बार पोर्टल बदला गया है। इसकी वजह से आए दिन लोगों के साथ ही सेंटर संचालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आपात स्थिति में फंस रहे मरीज
प्रदेश में तो राशन कार्ड के जरिए अस्पतालों में हितग्राहियों का पंजीयन करवाने की व्यवस्था की गई है। वहीं, च्वाइस सेंटरों में भी मरीज भर्ती होने के बाद पंजीयन के लिए जाते हैं। लेकिन आपात स्थिति में आ रहे मरीजों का न तो पंजीयन ही हो पा रहा है और न ही आनलाइन कार्ड भी मिल पा रहा है।
ओटीपी की जगह अब हितग्राहियों का जाना जरूरी
पुराने पोर्टल में हितग्राहियों के मोबाइल नंबर के जरिए ही पंजीयन हो जाता था। साथ ही मोबाइल नंबर मात्र डालने पर ओटीपी संबंधित नंबर पर जाता था और उसके आधार पर हितग्राही के बिना उक्त केंद्र में जाए ही पंजीयन व कार्ड बन जाता था। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत हितग्राहियों को मौके पर जाना जरूरी है और लाइव फोटो व बायोमेट्रिक पहचान के बाद ही पंजीयन हो रहा है।
नए पोर्टल में कई प्रकार की सेवाएं मर्ज पूर्व का पोर्टल सिर्फ आयुष्मान भारत के लिए समर्पित था, जबकि नए बनाए गए पोर्टल में ब्लड डोनेशन, सिकल सेल, मेला, ग्राम सभा सहित कई प्रकार की सेवाओं को मर्ज किया गया है। इसकी वजह से सर्वर पर और भी ज्यादा दबाव पड़ रहा है और लोगों को कार्ड तक बनवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शत-प्रतिशत परिवारों को कवर करने का दावा
आयुष्मान भारत योजना की राज्य नोडल एजेंसी के अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में लगभग शत-प्रतिशत परिवारों को आयुष्मान भारत से कवर कर लिया गया है, जबकि व्यक्तिगत रूप से कार्ड बनाने की प्रक्रिया अब भी जारी है। वहीं, बस्तर सहित कई जिले ऐसे जो कि इस मामले में पिछड़े हुए हैं।
डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजना के स्टेट नोडल आफिसर केआर सोनवानी ने कहा, हां, कुछ समस्या आ रही है, लेकिन इसका काम पूरा केंद्र की टीम ही कर रही है और उनके द्वारा ही सारी प्रक्रिया की जा रही है। लगातार आ रही समस्याओं की जानकारी दी गई है। जल्द ही सुधार किया जाएगा। हालांकि ओटीपी के जरिए अभी भी पंजीयन से लेकर सारी प्रक्रिया की जा रही है।
फैक्ट फाइल
– 2,02,94,726 कुल ई कार्ड
– 27,47,026 को मिला लाभ
– 45,40,052 कुल क्लेम
– 100 प्रतिशत परिवार कवर
– 3 करोड़ से ज्यादा आबादी
– 2 करोड़ से ज्यादा का बना कार्ड
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