संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) को मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को मंजूरी दी गई
सूत्रों ने बताया कि दोपहर एक बजे के बाद इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि इसे व्यापक चर्चा के बाद बुधवार (20 सितंबर) को पास करवाया जाए। इससे पहले संसद का विशेष सत्र शुरू होने से ठीक पहले सोमवार (18 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा, मूल्यवान और ऐतिहासिक निर्णयों का है।
15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी
विधेयक के मुताबिक महिला सांसदों के लिए आरक्षित सीटें किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के जरिये आवंटित की जा सकती हैं. इस विधेयक में कहा गया है कि इसके लागू होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का एक तिहाई लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में उन समूहों की महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाने वाला था. इस विधेयक को पहली बार सितंबर 1996 में तत्कालीन प्रधान मंत्री देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा 81वें संशोधन विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश किया गया था
हजारों की संख्या में दिल्ली आ सकती हैं महिलाएं
सूत्रों ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक पास होने पर दिल्ली के आसपास के इलाकों से हजारों की तादात में महिलाएं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने के लिए दिल्ली आ सकती हैं. दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर जो सांसद आए थे वो दिल्ली के आसपास (एनसीआर) के थे. सूत्रों के मुताबिक, सांसदों को दिल्ली के आसपास के संसदीय क्षेत्रों से महिलाओं को लाने की जिम्मेदारी दी गई है.
लोकसभा में अभी महिला सांसदों का प्रतिशत क्या है?
मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम हैं. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है.
कांग्रेस का बिल को समर्थन
राहुल गांधी ने कहा कि अब दलगत राजनीति से ऊपर उठें। हम महिला आरक्षण बिल पर बिना शर्त के समर्थन करेंगे। संसद के स्पेशल सेशन के पहले दिन जब पीएम मोदी के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में बोल रहे थे तो वे कांग्रेस की पूर्व सरकारों के कामों को गिनाने लगे, इस दौरान सोनिया ने उन्हें टोका और महिला आरक्षण पर बोलने को कहा था।
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