कोरबा,18 सितंबर। जब मनुष्य के लाखों जन्मों के के सत्कर्म इकट्ठा हो जाते हैं उन्हीं को भागवत सुनने का फल प्राप्त होता है…पूज्य देवकीनंदन ठाकुर महाराज के सानिध्य में 16 से 22 सितंबर 2023 तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन – स्टेडियम ग्राउंड, हाईस्कूल परिसर, गोकुल धाम के पास कटघोरा, छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है।
श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को ‘जब होव सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया’ भजन का श्रवण कराया।
कुछ लोग कहते हैं कि भगवान मिलेंगे कि नहीं मिलेंगे, मन में विश्वास एक चीज का रखो अगर तुम्हारे दिल प्रेम सच्चा है तो भगवान का वचन भी सच्चा हुई। भगवान का वचन है कि जिस भाव से तुम मुझे याद करते हो उसी भाव से में तुम्हारा स्मरण करूँगा। इसका प्रमाण है कि रावण और कंस को शत्रु के रूप में मिले भगवान, ध्रुव, प्रह्लाद को स्वामी के रूप में मिले भगवान। आप भी जिस भाव से भगवान् की भक्ति करोगे उसी भाव से भगवान आपको मिलेंगे।हमें जिस चीज का मोल पता न हो उसे हम हल्के में ले लेते हैं और जिसका हमें मोल पता हो उसकी हम वैल्यू समझते हैं।
मनुष्य को कभी भी किसी के भी घर खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। शास्त्रों में किसी के घर खाली हाथ जाना अपशगुन बताया गया है। व्यक्ति को अपने घर भी कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। जिनके करोड़ों जन्मों के सत्कर्म इकट्ठा हो जाते हैं उन्हीं को भागवत सुनने का फल प्राप्त होता है।
84 लाख योनियों में से मनुष्य ही ऐसा है जो भगवान के धाम पहुंच सकता है। इसलिए मनुष्य योनि भगवान को प्रिय है। क्यूंकि आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाने का कार्य मनुष्य योनि में ही हो सकता है।
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