Parliament Special Session: संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत हो गई है. संसद का विशेष सत्र में भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली हैं. विशेष सत्र के दौरान संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी मंत्री मौजूद हैं. विशेष सत्र के दौरान जी20 शिखर सम्मेलन, चंद्रयान-3 और आजादी के 75 साल पूरे होने के साथ ही कई अति महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी. सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, उनका ज्यादा से ज्यादा समय मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले. रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए I
संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आज़ादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली. यह सही है कि इस इमारत(पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे.
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पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है. हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानि यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.
पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सही है कि इस इमारत(पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे.
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