धरसींवा,25मई 2025(वेदांत समाचार)। रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित धरसींवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले पांच माह से 108 संजीवनी एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह ठप पड़ी है। यह सिर्फ एक आंकड़े भर की बात नहीं, बल्कि इस पूरे ब्लॉक के हजारों लोगों की जिंदगी से सीधा खिलवाड़ है। हाईवे पर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को एम्बुलेंस के अभाव में निजी वाहनों के भरोसे भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है। सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान लगाती यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
ब्लाक मुख्यालय धरसींवा की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरे अंचल के एक मात्र सबसे बड़े अस्पताल है जंहा उद्योग नगर सिलतरा और रायपुर बिलासपुर की सड़कों पर होने वाले सड़क दुर्घटनाओं की अकेले इलाज की जिम्मा उठाने वाले हॉस्पिटल है जंहा बता दे कि संजीवनी ही बीमार है जिसके कारण मरीज निजी वाहनों के सहारे बने हुए है, कल्पना कीजिए, एक सड़क दुर्घटना होती है, खून से लथपथ घायल व्यक्ति मदद का इंतजार कर रहा है, लेकिन अस्पताल की “संजीवनी” एम्बुलेंस खुद बीमार पड़ी है। धरसींवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जो पूरे ब्लॉक को कवर करता है और एक व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, वहां से एम्बुलेंस नदारद है। पिछले पांच महीने से 108 संजीवनी एम्बुलेंस सेवा का पहिया थमा हुआ है। इसका सीधा मतलब है कि दुर्घटना पीड़ितों और अन्य गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई सरकारी साधन उपलब्ध नहीं है। मजबूरी में लोग निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं, जिसमें न तो प्राथमिक उपचार की सुविधा होती है और न ही प्रशिक्षित कर्मी। यह एक ऐसी आपातकालीन स्थिति है, जहां एक-एक पल कीमती होता है और सिस्टम की यह उदासीनता सीधे तौर पर लोगों की जान जोखिम में डाल रही है।