सुकमा,15 सितम्बर । सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्टोरेट सुकमा के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्तों एवं सचिव ने सूचना के अधिकार अधिनियम के साथ-साथ जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यो एवं दायित्वों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
सुकमा में पहली बार आयोजित इस कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त मनोज कुमार त्रिवेदी, धनवेन्द्र जायसवाल, आयोग के सचिव जी आर चुरेन्द्र ने जन सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का निराकरण समय अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए गए। साथ ही आवेदनों के निराकरण के दौरान अधिकारियों को आने वाली शंकाओ का समाधान भी किया गया।
कार्यशाला में ऑनलाईन माध्यम से जनपद कार्यालयों में सचिव ने जुड़कर इस कार्यशाला का लाभ लिया। इस अवसर पर कार्यशाला में आयुक्तों ने अधिकारियों की शंकाओ का समाधान कर उनके प्रश्नों का जवाब दिया। राज्य सूचना आयुक्त जायसवाल ने जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को इस अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी देते हुए आवेदनों का निराकरण करने की जानकारी दी। राज्य सूचना आयुक्त मनोज कुमार त्रिवेदी ने अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का निराकरण करने,अपना नाम और पद का उल्लेख अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए।
राज्य सूचना आयोग के सचिव जीआर चुरेन्द्र ने आरटीआई के उद्देश्यों के सम्बध में विस्तृत जानकारी दी। सभी कार्यालयों में विभागीय जानकारी एवं दस्तावेजों को सुव्यवस्थित रखरखाव करने की समझाइस दी। सभी जिला अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे अपने विभागीय जानकारियों का हर महीने एक बार समीक्षा करें। समय पर आवेदकों को सूचना प्रदान करने के साथ ही अभियान चलाकर अभिलेखों के रिकार्ड रखने की समझाइस दी। आयोग के संयुक्त संचालक संतोष मौर्य ने अधिनियमों के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला एवं जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को उनके कार्यों एवं दायित्वों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
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