भाजपा शासित राज्य की अपेक्षा छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करती
रायपुर, 12 सितंबर 2023। किशोरियों और महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को सरकारी नौकरी नहीं देने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस निर्णय का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना ही कांग्रेस सरकार की प्रथम प्राथमिकता रही है। 2018 से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला सुरक्षा को लेकर अनेक काम किया है जिनका परिणाम है कि भाजपा शासित डबल इंजन की सरकार की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में महिलाएं ज्यादा सुरक्षित है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यावहारिक और विधिक कई स्तरों पर तत्परता से काम किया है। प्रदेश के 547 थानों, चौकियों में महिला सेल की स्थापना की गई है, ताकि पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में महिला प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।
प्रत्येक जिला मुख्यालय में घरेलू हिंसा एवं महिला उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम हेतु महिला परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है। राज्य के 04 बड़े जिले बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग तथा सरगुजा में महिला थाना स्थापित किया गया है। राज्य के 6 जिले रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ तथा जांजगीर-चांपा में महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान ईकाई की स्थापना की गई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि राज्य सरकार के पुलिस विभाग द्वारा महिला सुरक्षा हेतु अभिव्यक्ति ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसके एक लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत यूजर्स हैं। महिला सुरक्षा और अपराधों को नियंत्रण करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थानों को चिन्हित कर संवेदनशील स्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाये गए हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण को रोके जाने के संबंध में प्रत्येक इकाई में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है।
बालिकाओं और युवतियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेज एवं संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस पेट्रोलिंग टीम द्वारा लगातार गश्त किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेषज्ञ अथवा प्रशिक्षित महिला पुलिस अधिकारियों के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान भी संचालित किया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्थाएं सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही देखी जा सकती है।
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