“भ्रष्टाचार मुक्त भारत”-श्रेष्ठ भारत विषय पर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक का किया शानदार प्रदर्शन

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त भारत श्रेष्ठ भारत का दिया संदेश ,उपस्थित जनसमूह ने सराहा विद्यार्थियों की नाटिका को।

यदि हमें राष्ट्र को समृद्ध और विकसित बनाना है तो सबसे पहले भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से नष्ट करना आवश्यक -डॉ. संजय गुप्ता।

कोरबा, 12 सितंबर । इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत विषय पर एक शानदार नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी इस नुक्कड़ नाटक में कक्षा नवमी एवं आठवीं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने दर्शकों को संदेश दिया कि भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है जो देश के विकास को अंदर ही अंदर खोखला किया जा रहा है ।यह हर परिस्थिति में किसी भी क्षेत्र में नुकसान देह है। इस नुक्कड़ नाटक में इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के स्लोगन एवं पोस्टर के द्वारा लोगों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने हेतु प्रेरित किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के नारे लगाकर भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण हेतु लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।

इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने दीपका चौक, प्रगति नगर शॉपिंग कंपलेक्स सहित विभिन्न जगहों पर” भ्रष्टाचार मुक्त भारत, श्रेष्ठ भारत” विषय पर अपनी नुक्कड़ नाटिका की प्रस्तुति दी। नुक्कड़ नाटिका की पूरी टीम को किरदार में उतारने हेतु श्री योगेश शुक्ला ,श्री हेमलाल श्रीवास, श्री राजू कौशिक तथा श्री हरि सारथी ने अपना सहयोग दिया।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार को भारत से पूरी तरह खत्म करना है, तो उसके लिए हमें भ्रष्ट लोगों को शासन को राजनीति से निकालना होगा। किसी भी देश को तरक्की करने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त होना काफी जरूरी है। भ्रष्टाचार रूपी दीमक को हमें जल्द से जल्द खत्म करना होगा नहीं तो यह पूरे देश को खोखला कर देगा।भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो आज सभी देशों में बड़ी तेजी से फैल रही है। जिस प्रकार सभी देश विकसित हो रहे हैं उसी प्रकार भ्रष्टाचार भी विकसित हो रहा है। भारत में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां भ्रष्टाचार न पाया जाए। यदि हमें राष्ट्र को समृद्ध और विकसित बनाना है तो सबसे पहले भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से नष्ट करना आवश्यक है।