जशपुरनगर,11 सितम्बर । छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गुरुवा, घुरवा और बाड़ी विकास अंतर्गत राज्य में नरवा बंधान व सुढ़िकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। सफलता को देखते हुए आज झारखंड के चंद्रशेखर सेक्रेटरी रूरल डेवलपमेंट डिपार्मेंट, राजेश्वरी बी कमिश्नर मनरेगा, सिद्धार्थ त्रिपाठी पीसीएफ अनुसंधान फॉरेस्ट डिपार्मेंट, निहार रंजन महाराणा स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, राजीव रंजन एसपीओ मनरेगा, प्रेम शंकर ए ई मनरेगा की टीम लोदाम स्थित फॉरेस्ट विभाग अंतर्गत रैंपा मद से बनाए गए मनरेगा अंतर्गत निर्मित स्टॉप डैम और वन विभाग क्षेत्र अंतर्गत आर्दन डैम नरवा कार्य का निरीक्षण कर अवलोकन किया। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा, डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने झारखंड टीम का स्वागत कर मनरेगा अंतर्गत किए गए विकास कार्य की जानकारी दी।
डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने जामझरिया नरवा के संबंध में बताया कि 5 सौ हेक्टेयर में कैचमेंट एरिया में ट्रीटमेंट कार्य हुआ है। इसके अंतर्गत तीन बड़े मिट्टी बांध का निर्माण किया गया है। निरीक्षण के दौरान विशालकाय मिट्टी बांध से पानी भराव को देखकर झारखंड की टीम प्रसन्न होकर छत्तीसगढ़ शासन व जिला प्रशासन के कार्यों की प्रशंसा की। डीएफओ ने बताया कि बांध निर्माण के दौरान 6-7 महीने तक चार-पांच गांव के 100 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि नरवा के निर्मित बांध बन जाने से ग्रामीण जन बेहद खुश है। पानी बचाव के साथ गांव वाले वन बचाने आगे आ रहे हैं। इस दौरान एनएच 43 के रोड साइड में वन विभाग द्वारा मनरेगा के तहत लगाए गए प्लांटेशन का भी निरीक्षण किया। पौधों के सुरक्षा के लिए लगाए गए ट्री गार्ड को सराहा।
झारखंड की टीम ने स्थानीय किसानों से भी चर्चा किया। किसान ने बताया कि नरवा बांध बन जाने से कृषि कार्य के लिए सिंचाई की सुविधा मिलेगा। साथ ही नरवा में जलभराव से पशुओं के लिए पेयजल व अन्य क्षेत्र में पानी का उपयोग किया जाएगा और किसानों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा।
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