भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बिंदु है आसियान

नई दिल्ली। 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा वैश्विक विकास में आसियान क्षेत्र की अहम भूमिका है…वसुधैव कुटुंबकम ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ यही भावना भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम है…21वीं सदी एशिया की सदी है…मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बिंदु है। उन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। यह कहते हुए कि आसियान क्षेत्र भी भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, उन्होंने कहा, वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी, हमारा आपसी सहयोग लगातार प्रगति कर रहा है। यह हमारे संबंधों की ताकत और लचीलेपन का प्रमाण है। .

वसुधैव कुटुंबकम’ – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य – भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत हिंद-प्रशांत पर क्षेत्रीय गुट के दृष्टिकोण का समर्थन करता है। हमारी (भारत-इंडोनेशिया) साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। ऐसे समय में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना मेरे लिए गर्व की बात है।

मोदी ने कहा, हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को एकजुट करता है। इसके साथ ही, हमारे साझा मूल्य, क्षेत्रीय एकीकरण और शांति, समृद्धि व बहुध्रुवीय दुनिया में हमारा साझा विश्वास भी हमें एकजुट करता है। उन्होंने आगे कहा कि आसियान विकास का केंद्र है और वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इससे पहले दिन में, शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधान मंत्री का स्वागत किया और उससे पहले, उन्होंने भारतीय प्रवासी सदस्यों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया की एक दिवसीय यात्रा पर हैं।

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