डॉ राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक थे : डॉ शिवदयाल पटेल

कटघोरा,05 सितम्बर I “डॉ राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। इन्होंने पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों में भारतीय दर्शन, वेदांत, श्रीमद्भगवतगीता की व्याख्या ऐसी प्रभावशाली अंदाज में किया, कि भारत और भारतीय संस्कृति के प्रति पश्चिमी देशों के नजरिये में सकारात्मक बदलाव आया। भारत के प्रति उनके मन में सम्मान की भावना जागी। उन्होंने भारत के सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति के पद का गुरुतर दायित्व निर्वहन करने के बावजूद अध्यापन कार्य को आजीवन जारी रखा। उनका जीवन शिक्षा जगत को समर्पित है, इसलिए उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। ।”

उक्त उदगार डॉ शिवदयाल पटेल वरिष्ठ प्राध्यापक एवं कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा ने शिक्षक दिवस समारोह में व्यक्त किया। प्रो एन पी कुर्रे, डॉ डीडी टंडन, प्रो यशवंत जायसवाल, प्रो शैलेन्द्र सिंह ओट्टी, भुनेश्वर कुमार, प्रो प्रतिमा कँवर ने एकमतेन अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होता है, शिक्षक के सम्मान से, उनके द्वारा बताये जा रहे ज्ञान को धारण कर आत्मसात करने से विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास होगा, चरित्र निर्माण में मदद मिलेगी और एक श्रेष्ठ नागरिक बनना संभव हो पायेगा।


शासकीय मुकद्दर पांडे महाविद्यालय कटघोरा के सभागार में 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया गया। विद्यार्थियों ने स्वस्फुर्त समस्त प्राध्यापक एवं कार्यालय स्टाफ का स्वागत एवं सम्मान कर श्रीफल एवं कलम भेंट किया। उन्होंने शिक्षकों के साथ केक काटकर शिक्षक दिवस को सेलिब्रेट किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ स्वयंसेवक चंचल शर्मा एवं चेतरंश ने किया।

इस अवसर पर प्राध्यापक गण गंगाराम पटेल, राकेश आजाद, अंकिता टंडन, चंद्रेश अग्रवाल, कुमकुम सिंह, कीर्ति कुमार मरकाम, मनहरण श्याम, के के दीवान, चंचल वैष्णव, मनहरण श्याम, बालराम साहू, कंचन देवी कोरमा, देवेंद्र श्याम, महिपाल सिंह सहित छात्र- छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जयवंत कुमार, यश पटेल, देवेंद्र कुमार, ज्योति सारथी, संध्या निम्जा, उदित नारायण, नरेंद्र कुर्रे, हरीश यादव, हिमांशु जाटवर, आशीष पटेल, रोशन कुमार, प्रकाश दास, खुशबू सारथी, लक्ष्मी नारायण, करण राठौर, पूर्णिमा, प्रतिमा महंत, चित्रिका उपाध्याय, कृतिका जायसवाल, पारुल निषाद, प्रियंका प्रजापति, अमन, रेणुका, लोकेश, गौरव खांडे, काजल, सूरज साहू, हेमा डिकसेना, बिंदु पटेल, विमलशाह, जगजीत सिंह, सुधा महंत, हरपाल सिंह, कार्यक्रम सहायक अमन पांडेय आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।