नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसे 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ से मामले के स्थगन की मांग गई, क्योंकि खालिद के वकील वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ के समक्ष अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर बहस करने में व्यस्त हैं।
इस पर पीठ ने टिप्पणी की, कितनी बार? श्री सिब्बल तो व्यस्त होंगे ही। हम किसी विशेष वरिष्ठ वकील का इंतजार नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह “अंतिम अवसर” दे रही है और याचिका को आगामी सप्ताह में सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। इसके पहले 18 अगस्त को मामले में सुनवाई टाल दी गई और याचिका को दो सप्ताह की अवधि के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया था। खालिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने से इनकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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