बैंक अब अपने उपभोक्ताओं को यूपीआइ अकाउंट पर भी कर्ज की सुविधा प्रदान कर सकेंगे। आरबीआइ ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। अभी बैंक खाते जमा पैसे का ही यूपीआइ लेनदेन हो सकता है।
इसी साल अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने इस सुविधा को शुरू करने का प्रस्ताव रखा था।
वर्तमान में बचत खाते, ओवरड्राफ्ट खाते, प्रीपेट वालेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआइ से जोड़ा जा सकता है। आरबीआइ की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी बैंक अपने ग्राहकों को पहले से निर्धारित कर्ज सीमा की पेशकश कर सकेंगे।
हालांकि इसके लिए बैंकों को उपभोक्ताओं की पूर्व मंजूरी लेनी होगी। इस संबंध में बैंकों को अपने बोर्ड से एक नीति अनुमोदित करानी होगी, इसमें कर्ज की पेशकश से जुड़े सभी नियमों और शर्तों का उल्लेख होगा। नियमों और शर्तों में कर्ज की सीमा, अवधि और ब्याज दर का उल्लेख आवश्यक होगा। यूपीआइ से लेनदेन अगस्त में 10 अरब का आंकड़ा पार कर गया है। जुलाई में यूपीआइ लेनदेन की संख्या 9.96 अरब और जून में 9.33 अरब थी।
वैश्विक झटकों से बचाने में मदद करेगा स्थानीय मुद्राओं का उपयोग
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि सीमापार भुगतान में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को वैश्विक झटकों से बचाने में मदद करेगा। इतना ही नहीं डॉलर के मुकाबले मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव से भी निपटने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह कदम स्थानीय विदेशी मुद्रा और पूंजी बाजारों के विकास को भी प्रोत्साहित कर सकता है। मुंबई में जी20 टेकस्पि्रंट फिनाले 2023 को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि ऐसे प्लेटफार्म, जो कई मुद्राओं के जरिये भुगतान की सुविधा प्रदान करते हैं, वह भी स्थानीय मुद्रा को बढ़ावा देने का एक तरीका प्रदान कर सकते हैं।
कई देश सीबीडीसी शुरू करने पर कर रहे विचार
दास ने कहा, दुनियाभर के कई देशों के केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी (CBDC) शुरू करने पर विचार कर रहे हैं और इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। भारत उन देशों में से एक है, जिन्होंने थोक और खुदरा दोनों क्षेत्रों में सीबीडीसी पायलट प्रोजेक्ट को लांच किया है।
धीरे-धीरे हम इसका विस्तार कर रहे हैं। मेरा मानना है कि त्वरित निपटान सुविधा के चलते सीबीडीसी सीमापार से भुगतान को सस्ता, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग करके मनी लांड्रिंग को भी रोका जा सकता है।
नवाचार का उत्तम उदाहरण यूपीआइ
दास ने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम में क्रांति ला दी है और लाखों गैर बैंकिंग व्यक्तियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण निभाई है। दास ने कहा, नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक ऐतिहासिक उदाहरण यूपीआइ है।
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