ग्राम्य भारती महाविद्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय खेल दिवस

भारतीय हॉकी को अपनी अद्वितीय प्रतिभा से शीर्ष पर स्थापित करने वाले ‘हॉकी के जादूगर’ पद्मभूषण मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देने हेतु शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय हरदीबाजार के क्रीड़ा विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के अवसर पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शिखा शर्मा के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी शिव कुमार दुबे ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में देश, प्रदेश, जिले, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। सभा को जीवन में खेलों का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि खेल मनुष्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं। नियमित रूप से कोई खेल खेलने से चित्त प्रसन्न रहता है तथा शरीर स्वस्थ और फुर्तीला बनता है।

खेलों से शारीरिक अंगों का ठीक तरह विकास होता है एवं मन में उल्लास और उत्साह रहने से मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही मेजर ध्यानचंद के जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अवधि के दौरान, उनकी टीम ने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के दौरान ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किए थे। उन्होंने 1926 से 1949 तक 23 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेली थी । अपने करियर में कुल 185 मैच खेलने वाले तथा 570 गोल करने वाले मेजर ध्यानचंद हॉकी के प्रति इतने समर्पित थे कि वह चांदनी रात में भी इसका अभ्यास किया करते थे, जिससे उसका नाम ध्यानचंद पड़ गया था। 1956 में, ध्यानचंद को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था तथा वह इस सम्मान को प्राप्त करने वाले तीसरे नागरिक थे।

इसके अतिरिक्त उन्होंने राष्ट्रीय खेल दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1979 में, भारतीय डाक विभाग ने मेजर ध्यानचंद को उनकी मृत्यु के बाद श्रद्धांजलि दी थी और दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, दिल्ली कर दिया गया था । 2012 में, यह घोषणा की गई थी कि खेल की भावना के बारे में जागरूकता फैलाने और विभिन्न खेलों के संदेश का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से एक दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसके लिए मेजर ध्यानचंद को ही याद किया गया तथा 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. एम.के. वर्मा, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वनस्पतिशास्त्र के सहायक प्राध्यापक उमाशंकर चंद्रा तथा राजनीति विज्ञान की अतिथि व्याख्याता कुमारी कीर्ति साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में रा.से.यो. के स्वयंसेवकों का योगदान सराहनीय रहा।

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