कोरबा, 01 सितंबर । भारत की सबसे बड़ी बिजली उपयोगिता वाली कंपनी एनटीपीसी, बिजली क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में मौजूद 73,024 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ एक राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड जो अन्वेषण में कारोबार में लगी हुई है। दोनों ने विकास, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव, भूतापीय और अन्य डीकार्बोनाइजेशन पहल के क्षेत्रों में सहयोग का पता लगाने के लिए 31 अगस्त को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, एमओयू कार्बन पृथक्करण जैसी आगामी डीकार्बोनाइजेशन प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान और अनुभव साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा।
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, दो महारत्न दिग्गज अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अपने पदचिह्न बढ़ाने और देश के नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी समाधान में प्रवेश करने का इरादा रखते हैं।
एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह और ओआईएल के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ और उनके कार्यात्मक निदेशकों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हाइड्रोजन मिश्रण, कार्बन कैप्चर और ईंधन सेल बसें डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में कई पहल कर रही है।
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