IPS Dipka में छात्राओं के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन : अध्यनरत छात्राओं ने विशेषज्ञ महिला डॉक्टर से जानी अपनी विभिन्न समस्याओं समाधान


कोरबा, 31 अगस्त । लड़कियों का स्वास्थ्य कई मायनों में लड़कों से भिन्न होता है। लड़कियों का स्वास्थ्य जनसंख्या स्वास्थ्य का एक उदाहरण है , जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य को “पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति”। अक्सर इसे केवल महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के रूप में माना जाता है, कई समूह महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य से संबंधित एक व्यापक परिभाषा के लिए तर्क देते हैं, जिसे “लड़कियों के स्वास्थ्य” के रूप में बेहतर रूप से व्यक्त किया जाता है। विकासशील देशों में ये मतभेद और भी बढ़ गए हैं, जहां लड़कियों, के स्वास्थ्य में जोखिम और अनुभव दोनों शामिल हैं, और भी वंचित हैं।


विद्यालय में लड़कियों के स्वास्थ्य से संबंधित स्वास्थ्य शिविर पर, एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अद्वितीय स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य द्वारा किया गया, जिसमें वह यह बताया कि लड़कियों के स्वास्थ्य का सही ध्यान रखना आवश्यक है। यह आयोजन स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के मामले में जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था।
इस स्वास्थ्य शिविर में डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लड़कियों के स्वास्थ्य का निरिक्षण किया और सुझाव दिए। उन्होंने सही आहार, व्यायाम, और हाइजीन की महत्वपूर्ण बातें सिखाई।

इस कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉक्टर अंकित शर्मा एवं सुश्री श्रेया सरकार उपस्थित थे जिन्होंने विद्यालय की छात्राओं के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का बखूबी जवाब दिया। इस कार्यशाला में विद्यालय के उच्च एवं उत्तर स्तर तक की सभी छात्राएं सम्मिलित हुई तथा श्रीमती सोमा सरकार शैक्षणिक प्रभारी (प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी) का भरपूर सहयोग मिला।


डॉक्टर अंकित शर्मा ने छात्राओं को बताया कि हार्ट-हेल्दी डाइट फॉलो करें।
प्रतिदिन व्यायाम/ एक्सरसाइज करें।
अपना वजन कम करें (वजन नियंत्रित रखें)।
समय समय पर डॉक्टर के पास जाएँ।
तनाव कम करें।


सुश्री श्रेया सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करते हुए बताया
कि विज्ञान ने मानव की स्टडी की है और उसने साफ़ साफ़ बता दिया है कि एक पुरुष और महिला में क्या फ़र्क होता है।
महिलाओं के शरीर की बनावट पुरुषों से बिलकुल अलग होती है। इसी के साथ महिलाओं के शरीर की समस्याएं और विकास भी पुरुषों से अलग होते हैं।


वैसे तो ये कहा जाता है कि लड़कियाँ लड़कों से पहले परिपक्व हो जाती हैं और आपको जानकर हैरानी होगी कि साइंस या विज्ञान भी इस बात को मानती है।
इसी के साथ एक सवाल यह भी उठता है कि लड़कियों को गायनोकोलॉजिस्टिक अर्थात लेडी डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? ये एक महत्वपूर्ण सवाल है लेकिन समाज में इस चीज़ पर ध्यान नहीं दिया जाता।
कार्यशाला में विद्यालय के छात्राओं ने स्वास्थ्य से संबंधित अनेक प्रश्न पूछ कर अपनी संख्याओं का समाधान विशेषज्ञ डॉक्टर से जाना। इस हेल्थ सेमिनार का उद्देश्य लड़कियों को स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में शिक्षा देना था ताकि वे अच्छे स्वास्थ्य का आनंद उठा सकें और अपने भविष्य को स्वस्थ बना सकें।


विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य अमूल्य धन होता है भौतिक धन से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य का होता है यदि हमारी दिनचर्या सुनियोजित एवं अनुशासित है तो यकीन मानिए हम बीमारियों से पोषण दूर रहेंगे हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए अत्यधिक एवं अनावश्यक तनाव को अपनी जिंदगी में कभी भी हावी नहीं होने देना चाहिए अनियमित खान पान और तनाव भी हमारी बीमारियों की मुख्य जड़ होती है।जैसा कि हम सब जानते हैं कि लड़कियों के शारीरिक बनावट लड़कों की अपेक्षा काफ़ी अलग होती है तो ऐसे में ये बात बिलकुल स्वाभाविक सी है कि लड़कियों का विकास और उनका स्वाभाव भी बिलकुल अलग होगा।


बात करें यदि शारीरिक विकास की तो विज्ञान के अनुसार लड़कियाँ माँ के पेट से ही परिपक्व होती हैं।महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना बेहद ज़रूरी है। परिपक्वता शुरू होने से लेकर शिशुओं के जन्म तक, लड़की को अपने जीवन में बहुत से उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इन्हीं के साथ साथ लड़कियाँ कई समस्याओं से भी रूबरू होती हैं। इसलिए लड़कियों और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़याल रखना आवश्यक है।

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