Raksha Bandhan 2023 : रक्षाबंधन पर भगवान महाकाल को सबसे पहले बांधी विशाल राखी, सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगा

उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बुधवार अलसुबह रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। रात 3 बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले विशाल राखी बांधी गई। भगवान को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।

श्रावणी पूर्णिमा पर सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की परंपरा

श्रावणी पूर्णिमा पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की परंपरा है। इस बार भी पुजारी परिवार द्वारा भक्तों के सहयोग से भगवान को महाभोग लगाया गया।

पुजारी परिवार की महिलाओं ने बांधी राखी

पुजारी परिवार की महिलाओं ने ही भगवान को राखी बांधी। अभिषेक स्थल पर महाभोग के साथ भगवान के मुखारविंदों के दर्शन भक्‍तों को हो रहे हैं।

पुष्‍पों की आकर्षक सज्‍जा

मंदिर में आकर्षक पुष्प सज्जा की गई है। मान्यता है श्रावण में मासपर्यंत उपवास रखने वाले भक्त श्रावण मास की समाप्ति पर रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल को अर्पित लड्डू भोग प्रसादी ग्रहण कर पारणा करते हैं।

बड़े गणेश को रात 8.50 बजे बंधेंगी राखी

गणतंत्र के आराध्य देव माने जाने वाले भगवान बड़े गणेश को बुधवार रात 8 बजकर 50 मिनट पर राखी बांधी जाएगी। पंचांगकर्ता ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास ने बताया भगवान बड़े गणेश को विश्व की सबसे बड़ी रखी बांधी जाएगी। इसके अलावा देश विदेश में रहने वाली भगवान बड़े गणेश की बहनों ने उनके लिए राखी भेजी है। बहनों की ओर से भेजी गई राखी भी भगवान को उनके नाम व गोत्र के आधार पर बांधी जाएगी।

सांदीपनि आश्रम में घेवर फैनी का भोग

भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। पुजारी पं.रूपम व्यास ने बताया राखी पर भगवान श्रीकृष्ण को घेवर फैनी का भोग लगाने की परंपरा है। बुधवार को भगवान को महाभोग लगाकर राखी बांधी जाएगी।

यजुर्वेदी ब्राह्मणों का श्रावणी उपाकर्म शिप्रा तट पर

गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज यजुर्वेदी ब्राह्मणों का श्रावणी उपाकर्म बुधवार सुबह मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर होगा। पं.उमाकांत शुक्ल के अनुसार यजुर्वेदी ब्राह्मण वर्ष पर्यंत हुए ज्ञात अज्ञात दोषों की निवृत्ति के लए प्रयश्चित कर्म करेंगे। जिसमें तीर्थ स्नान, हेमाद्री स्नान, शुद्धि स्नान के पश्चात नई यज्ञोपवीत धारण की जाएगी।

यहां भी आयोजन

रामानुजकोट आश्रम में सुबह श्रावणी उपाकर्म होगा। पं.आत्माराम शर्मा ने बताया आश्रम के वेदपाठी बटुक व पुजारी आदि पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथचार्यजी व युवराज स्वामी माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराज के सानिध्य में विधिविधान से नई जनेऊ धारण करेंगे।

मंगलनाथ मार्ग स्थित गायत्री शक्ति पीठ में सुबह श्रावणी उपाकर्म होगा। पूजन सामग्री शक्तिपीठ की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।