सूरत I गुजरात के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि उसने चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन के लिए लैंडर मॉड्यूल डिजाइन किया है और खुद को उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वैज्ञानिक बताया था। जिसको लेकर पुलिस ने उसके दावों की जांच की। जिसमें सब झूठा पाया, इसके बाद पुलिस ने उसको गुजरात के सूरत शहर से गिरफ्तार किया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गहन जांच से पता चला कि वह व्यक्ति किसी भी तरह से इसरो के चंद्रयान -3 मिशन से जुड़ा नहीं था और उसने इसरो कर्मचारी होने का झूठा दावा किया था। उस शातिर व्यक्ति ने इसरो की अगली परियोजना के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान सदस्य होने के बारे में एक फर्जी पत्र भी तैयार किया था। बयान में कहा गया है कि चंद्रयान -3 मिशन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना में योगदान नहीं देने के बावजूद उसने इसरो के बारे में फर्जी संदेश फैलाए, जिससे संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
सूरत शहर अपराध शाखा ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज़ को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
दावों के समर्थन में पेश नहीं कर सका कोई दस्तावेज
सूरत कमिश्नर ने मामले में जांच के आदेश दिए थे। कुछ स्थानीय मीडिया ने दावों के समर्थन में साक्ष्य पेश करने के लिए अपने कार्यालय बुलाया था। हालांकि, अब तक वह अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका। जांच में सामने आया कि उसके पास सिर्फ बी.कॉम की डिग्री है। डीसीपी हेतल ने बताया था कि हमारी प्रारंभिक जांच के अनुसार, मितुल त्रिवेदी इसरो वैज्ञानिक नहीं है। क्राइम ब्रांच द्वारा जांच की जा रही है। अगर जांच में पता चला कि वह झूठ बोल रहा है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई होगी। वहीं, अब उसे फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में पकड़ लिया है।
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