प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर बेंगलुरु के ISRO के कमांड सेंटर पहुंचे। यहां वे चंद्रयान-3 की टीम के वैज्ञानिकों से मिल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। इसरो कमांड सेंटर पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने पीएम मोदी को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। पीएम ने सोमनाथ को गले लगाया और पीठ थपथपाई। उन्हें चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने पर बधाई दी।
इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘मैं साउथ अफ्रीका में था, फिर ग्रीस के कार्यक्रम में चला गया। लेकिन मेरा मन पूरी तरह आपके साथ ही लगा हुआ था। लेकिन कभी कभी लगता है कि मैं आप लोगों के साथ अन्याय कर देता हूं। बेसब्री मेरी और मुसीबत आपकी। सवेरे सवेरे आपको और इतना ऑड टाइम। मेरा मन कर रहा था आपको नमन करूं। लेकिन मैं भारत में… (रुंधे गले से) भारत में आते ही… जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था।’
मोदी बोले, ‘मैं आपको सैल्यूट करना चाहता था। सैल्यूट आपके परिश्रम को… सैल्यूट आपके धैर्य को.. सैल्यूट आपकी लगन को… सैल्यूट आपकी जीवटता को। सैल्यूट आपके जज्बे को…।’ मोदी ने कहा कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर टचडाउन हुआ, उस पाइंट को अब शिवशक्ति के नाम से जाना जाएगा।
मोदी के स्पीच 7 बड़ी बातें, कहा- आपकी जितनी सराहना करूं, उतनी कम है
- आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए, ये कोई साधारण सफलता नहीं। अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ का शंखनाद है। देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं.. ये कोई साधारण सफलता नहीं है। ये अनंत अंतरिक्ष में भारत के सामर्थ्य का शंखनाद है।
- इंडिया इज ऑन द मून, वी हैव अवर नेशनल प्राइड प्लेड ऑन मून। हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया था। ये आज का भारत है निर्भिक भारत, जुझारू भारत। ये वो भारत है जो नया सोचता है नए तरीके से सोचता है। जो डॉर्क जोन में जाकर भी दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है।
- 21वीं सदी में यही भारत दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा। मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन, वो एक-एक सेकेंड बार-बार घूम रहा, जब टचडाउन कंफर्म हुआ। जिस तरह देश में लोग उछल पड़े वो दृश्य कौन भूल सकता है। वो पल अमर हो गया। वो पल इस सदी के प्रेरणादायक पलों में एक है। हर भारतीय को लग रहा था कि विजय उसकी अपनी है।
- हर भारतीय एक बड़े एग्जॉम में पास हो गया। ये सब मुमकिन बनाया है आप सब ने। देश के मेरे वैज्ञानिकों ने ये मुमकिन बनाया है। मैं आप सबका जितना गुणगान करूं वो कम है। मैं आपकी जितनी सराहना करूं वो कम है। साथियों मैंने वो फोटो देखी, जिसमें हमारे मून लैंडर ने अंगद की तरह चंद्रमा पर मजबूती से अपना पैर जमाया।
- एक तरफ विक्रम का विश्चास है तो दूसरी तरफ विज्ञान का पराक्रम है। हमारा प्रज्ञान चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है। मानव सभ्यता में पहली बार धरती के लाखों साल के इतिहास में उस स्थान की तस्वीर मानव अपनी आंखों से देख रहा है। ये तस्वीर दुनिया को दिखाने का काम भारत ने किया है।
- आज पूरी दुनिया भारत की साइंटिफिक स्पिरिट का हमारी टेक्नोलॉजी का हमारे साइंटिफिक टेंपरामेंट का लोहा मान चुकी है। हमारा मिशन जिस क्षेत्र को एक्सप्लोर करेगा, उससे सभी देशों के लिए मून मिशन के नए रास्ते खुलेंगे। यह चांद के रहस्यों को खोलेगा।
- चंद्रमा के जिस हिस्से पर टचडाउन हुआ उसका भारत ने नामकरण का फैसला लिया है। जिस स्थान पर चंद्रयान 3 का लैंडर उतरा अब उस पाइंट को शिवशक्ति के नाम से जाना जाएगा।
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