रायपुर,25 अगस्त । पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के निश्चेतना एवं पेन मेडिसिन विभाग में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा संचालित तथा प्रमाणित बेसिक लाइफ सपोर्ट तथा एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट कोर्स की 13 वीं कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने बताया कि अचानक पड़ने वाले दिल के दौरे में हृदय-फेफड़ा पुनर्जीवन प्रकिया अर्थात् कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन के द्वारा समय रहते व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है।
एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष एवं लाइफ सपोर्ट कोर्स की मुख्य ट्रेनर डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि आपात स्थिति में मरीज की जान बचाने में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन)की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोई भी मरीज यदि अचेत अवस्था में मिलता है तो उसके कंधे पर टेप करके रिस्पांस चेक करते हैं। रिस्पांस नहीं आने पर बिना देर किये केरोटिड पल्स चेक करना है। पल्स नहीं मिलने पर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को एक्टिवेट करके चेस्ट कम्प्रेशन करना है। 30 बार चेस्ट कम्प्रेशन करना है और 2 बार कृत्रिम सांस देनी हैं। एक मिनट में कुल मिलाकर 100 से 120 बार कम्प्रेशन देना है। इस दौरान हर दो मिनट में कैरोटिड या सेंट्रल पल्स फिर चेक करते हैं। ऐसा करने से मरीज को पुनः होश में लाया जा सकता है।
इस कार्यशाला में हाई क्वालिटी सीपीआर के बारे में भी बताया गया जिसमें 5 से 6 सेमी. की गहराई तक चेस्ट कम्प्रेशन देते हैं। कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने पुश हार्ड और पुश फास्ट की महत्ता के बारे में बताया। इसके साथ ही मेडिको लीगल केस को हैंडल करने के बारे में जानकारी दी गई। गंभीर मरीजों को कार्डियक अरेस्ट होने पर उनकी देखभाल करने के तरीकों के बारे में बताया गया। इमरजेंसी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शिवम पटेल ने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट तथा एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट कोर्स से प्रशिक्षित लोगों के कारण कार्डियक अरेस्ट (आकस्मिक हृदय आघात) से मरने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है।
वर्तमान में अधिक से अधिक लोगों को इसका प्रशिक्षण देकर ट्रेनर बनाया जा रहा है ताकि वे अपने आस-पास जीवन से जुड़ी ऐसी कोई भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सक्षम रहें। इसकी महत्ता को देखते हुए निश्चेतना विभाग द्वारा सीओएल कंप्रेशन ओनली लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण विभाग द्वारा माह के अंतिम शनिवार को दोपहर 2 से 4 बजे के बीच दिया जाएगा। इसमें मेडिकल प्रोफेशनल्स से लेकर सामान्य लोग भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एनेस्थीसिया विभाग में माह के शुरुआत सप्ताह में कार्यालयीन दिवसों में अपना पंजीयन कराना होगा।
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