बैतूल. चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग का जश्न पूरा देश मना रहा है. भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन हुआ है. इस बीच मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के रहने वाले एक ऐसे अप्रवासी भारतीय भी हैं, जिन्होंने आज से तीन साल पहले ही चांद पर 10 एकड़ जमीन खरीद ली थी.
यह जमीन उन्होंने करवा चौथ के मौके पर अपनी पत्नी को गिफ्ट में दी थी. अब चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चांद पर खरीदी उनकी जमीन की चर्चा भी अपने आप में खास हो गई है. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में भारत का पांचवा धाम कहलाने वाले श्री रुक्मणि बालाजी मंदिर के संस्थापक सैम वर्मा की उम्र 85 साल है.
बालाजीपुरम मंदिर सहित उनका भी नाम देश-विदेश में विख्यात हो चुका है. लेकिन अब सैम वर्मा एक खास वजह से चर्चा में आ गए हैं. दरअसल 23 अगस्त बुधवार की शाम जब चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखा तो सैम वर्मा को भी याद आया कि उन्होंने तीन साल पहले 11 नवंबर 2020 को अमेरिकी लूना सोसाइटी इंटरनेशनल कानून से चांद पर 10 एकड़ जमीन खरीदकर ज़मीन का वो टुकड़ा अपनी पत्नी जयदेवी वर्मा को गिफ्ट कर दी थी. चांद की जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम होने की वजह से वे चांद के नागरिक भी बन गए है.
इस संबंध में सेम वर्मा से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि 2020 में अमेरिका की एक इंटरनेशनल लूनर लैंड रजिस्ट्री ने लॉटरी सिस्टम के तहत उनका नाम निकाला था. इसके बाद उन्होंने 10 हजार डॉलर देकर चांद पर दस एकड़ जमीन खरीदी थी. चांद पर जमीन खरीदने वाले सेम वर्मा इकलौते नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर में सैकड़ों लोगों ने चांद पर जमीन उस समय खरीदी थी. सेम वर्मा वर्तमान में भारत में रह रहे है और वे इकलौते भारतीय है जिन्होंने चांद पर जमीन खरीदी है. आज चांद पर खरीदी गई दस एकड़ जमीन की कीमत करीब आठ लाख रुपये है. कंपनी ने इस जमीन के कागजात रजिस्ट्री और नक्शे के साथ दी है.
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