श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद सफलतापूर्वक काम कर रहा है। विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया था और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था।
लैंडर के सुरक्षित उतरने के बाद इसमें से प्रज्ञान रोवर बाहर निकला और चंद्रमा की सतह की तरह-तरह से अध्ययन कर रहा है। अब इसरो ने लैंडर में से रोवर के बाहर निकलने का वीडियो जारी किया है।
इसरो ने बताया, “लैंडर और रोवर में चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड लगे हैं। लैंडर मॉड्यूल में पांच पेलोड लगे हैं। इसमें नासा का भी एक पेलोड है।
लैंडर के तीन पेलोड रंभा-एलपी, चेस्ट और इल्सा हैं। रंभा-एलपी चंद्र सतह के निकट के प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रान) घनत्व और समय के साथ इसके परिवर्तन का अध्ययन कर रहा है। चेस्ट ध्रुवीय क्षेत्र के निकट चंद्र सतह के तापीय गुणों का पता लगा रहा है। इल्सा चंद्रमा पर कंपन को मापने और चंद्र क्रस्ट और मेंटल की संरचना को चित्रित करना शुरू कर चुका है।
रोवर के दो पेलोड में से एक लेजर इनड्यूज्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआइबीएस) चंद्रमा की रासायनिक और खनिज संरचना का पता लगाने में जुटा है। अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर रहा है ताकि चंद्रमा की मिट्टी और खनिजों के बारे में पता चल सके।
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