KORBA : रजगामार SECL कर्मी के घर ब्रह्मकमल का फूल खिला

राजेश कुमार साहू,कोरबा,25 अगस्त। रजगामार शहर के ओमपुर क्षेत्र निवासी SECL कर्मचारी रेशम लाला साहू के घर ब्रह्म कमल खिला है जिसे देखने देर रात तक लोग पहुंचते रहे। दावा किया जा रहा है कि यह फूल 12 वर्षों के बाद खिला है। इस फूल का खिलना हिंदु बेहद शुभ मानते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड के दिनों में खिलने वाले इस फूल के बारिश के मौसम में खिलने से जानकार लोग भी आश्चर्यचकित हैं।

रजगामार के ओमपूर कॉलोनी क्षेत्र में निवासरत में एसईसीएल कर्मचारी रेशम लाल साहू के घर गुरुवार की देर रात दुर्लभ ब्रह्म कमल खिला। ब्रह्म कमल के खिलने से परिवार में काफी हर्ष का माहौल रहा। वहीं ब्रह्म कमल खिलने की जानकारी मिलने पर आस-पड़ोस सहित उनके परिचित लोग भी देर रात तक उनके निवास स्थान पहुंचने लगे। इस दुर्लभ ब्रह्म कमल को लेकर रेशम लाल साहू ने कहा कि लगभग तीन वर्ष पूर्व ने उन्हें ब्रह्म कमल का पौधा दिया था। अब जाकर पहली बार इसमें फूल खिला है। जिसे देखकर काफी प्रसन्नाता हो रही है।

औषधि गुणों से भी भरपूर होता है


ब्रम्ह कमल औषधि गुणों से भी भरपूर होता है। यह लगभग वर्ष में एक बार व सूर्यास्त के बाद खिलता है। सुबह होते तक यह मुरझा भी जाता है। ब्रह्म कमल को लेकर शासकीय स्कूल के शिक्षिक राजेन्द तिवारी ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं में ब्रह्म कमल का अहम स्थान है । इसे भगवान ब्रह्मा का कमल कहा जाता है। यह ठंडे व पहाड़ी प्रदेशों में होता है।

सुखद अनुभूति का किया अहसास


अदभूद फूल को देखने रेशम साहू के घर सुबह से ही भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। साहू के के पड़ोस में रहने वाले राजेश साहू ने बताया कि उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर खिलने वाले फूल ब्रम्ह कमल को ओमपूर में देखना सुखद अनुभूति दे रहा था। यही वजह थी कि जिसने भी यहां ब्रह्म कमल का फूल खिलने की बात सुनी वे इसे देखने रेशम साहू के घर पहुंचने लगे। आम तौर पर वर्ष में सिर्फ एक रात खिलने वाला यह रहस्यमयी फूल ब्रह्म कमल ज्यादातर जुलाई से अगस्त के महीने के बीच ही खिलता है।उनके अनुसार इसे कमल के फूल की एक खास किस्म है भी माना जाता है, जो भारत में हिमाचल, हिमालय और उत्तराखंड में पाया जाता है। इसके अलावा यह बर्मा और चीन के कुछ पहाड़ी इलाकों में भी दिखाई देता है। आमतौर पर ये फूल काफी दुर्गम स्थानों पर होता है और कम से कम 4500 मीटर की ऊंचाई पर ही दिखता है। आम घरों में इसके खिलने की वजह से यहां और दुर्लभ नजर आता है।

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