महिला का नशे में होना पुरुष मित्र को उसकी स्थिति का फायदा उठाने का लाइसेंस नहीं देता- कोर्ट

नई दिल्ली । साकेत कोर्ट ने कहा कि एक महिला की नशे की हालत उसके पुरुष मित्र को उसकी स्थिति का फायदा उठाने का लाइसेंस नहीं देती है। आरोपित ने महिला के नशे में होने पर उसे चूमने की कोशिश की थी।

जब पीड़िता ने विरोध किया तो उसे आरोपित ने थप्पड़ मार दिया था। कोर्ट ने आरोपित की अपील को खारिज कर दिया।

महिला कोर्ट ने संदीप गुप्ता नाम के आरोपित को आईपीसी की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत 5 फरवरी, 2019 को दोषी करार दिया था।

इस आदेश के खिलाफ आरोपित ने साकेत कोर्ट में अपील दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील गुप्ता की कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि आरोपित ने शिकायतकर्ता के खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया है। पीड़िता को थप्पड़ मारकर उसे चोट पहुंचाई है।

कोर्ट ने कहा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने संदीप को सही दोषी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि भले ही शिकायतकर्ता की मेडिकल जांच से पता चलता कि वह उस समय नशे में थी। एक महिला का नशे में होना उसके पुरुष मित्र को अनुचित लाभ उठाने का लाइसेंस नहीं देता है। कोर्ट ने गुप्ता की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता ने ही उसे मिलने और बात करने के लिए मजबूर किया था।

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