हरियाणा के फतेहाबाद में एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार सालों बाद भी बिजली के कनेक्शन की बाट जोह रहा है. इस स्वतंत्रता सेनानी का नाम है- रामचंद्र, जिनकी पत्नी जैता देवी का कहना है – उन्होंने अपनी ढाणी में बिजली के इंतजार में आधा जीवन गुजार दिया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. जैता देवी के मुताबिक ढाणी में बिजली कनेक्शन के लिए वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के दफ्तर से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर कर गुहार लगा चुकी हैं लेकिन रोशनी का इंतजार खत्म नहीं हुआ.
जैता देवी का कहना है उनके स्वतंत्रता सेनानी पति रामचंद्र ने आजाद हिंद फौजी के माध्यम से देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन उनके स्वर्गवासी होने के बाद उन्हीं के घर आज उजियारा नहीं है. जैता देवी आज भी अपनी ढाणी में रोशनी का इंतजार कर रही हैं.
मजबूरी में लगाया गया सोलर पैनल
जैता देवी का कहना है उनके पति के योगदान को हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर किया जाता है, यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी उनको सम्मानित किया था. लेकिन आज तक अपने ही घर में बिजली के लिए उनको मोहताज रहना पड़ रहा है. जैता देवी के मुताबिक उसके बेटे ने ढाणी में किसी तरह 300 वाट का सोलर पैनल लगाया है लेकिन वह नाकाफी है. जैता देवी का कहना है 300 वाट से घर में केवल एक या दो पंखे ही चलते हैं.
13 साल से बिजली कनेक्शन का इंतजार
परिजनों का कहना है जैता देवी सांस की मरीज हैं. उमस भरी गर्मी के दिनों में उनको अपनी बेटियों के घर रहना पड़ता है. अगर ढाणी में भी रहीं तो हमेशा उनको हाथ के पंखे से हवा देनी होती है. चौंकाने वाली बात ये है कि जैता देवी की ढाणी के आसपास की सभी ढाणियों में लाइट है, लेकिन उनकी ढाणी में पिछले 13 साल से बिजली नहीं आई. गांव सरवरपुर से 13 साल पहले उनका परिवार ढाणी में रहने आ गया.
जैता देवी का कहना है उनके तीन बेटे हैं. सभी के परिवार ढाणी में रहते हैं. घर के सारे लोग बिजली निगम में दौड़ लगा-लगाकर थक चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
CMO, PMO में भी नहीं हुई सुनवाई
वहीं जैता देवी की पुत्रवधू शांति देवी का कहना है इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दो बार ज्ञापन दिया जा चुका है, वहीं पीएमओ में भी मोदी जी को ऑनलाइन शिकायत भेजी जा चुकी है लेकिन बिजली का प्रबंध नहीं किया गया. ज्यादा गर्मी होने पर हमें पेड़ों के नीचे बैठकर समय बिताना पड़ता है. सासू मां को कई तरह की शारीरिक तकलीफें हैं. गर्मी से उनका बुरा हाल हो जाता है.
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