उदयपुर। राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) का 9वां भारत क्षेत्र सम्मेलन सोमवार से झीलों की नगरी उदयपुर में शुरू हुआ। सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती, जनप्रतिनिधियों को अधिक उत्तरदायी बनाने, डिजिटल सशक्तिकरण से गुड गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मंथन प्रारंभ हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वर्ष 1911 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना हुई थी, तब इसमें 57 देश थे। इसके बाद निरंतर इसका विस्तार होता गया। इस संघ ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र मजबूत है, यहां सदियों से लोकतंत्र की परंपरा रही है। आज देश की आबादी विश्व में सबसे अधिक है। इसके अलावा हम सबसे बड़ा लोकतंत्र भी हैं। देश में काफी विविधता विद्यमान है जिस वजह से हमारी चुनौती और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आज संसदीय संस्थाओं में संवाद का स्तर गिरा है, सदन में गरिमा जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई विधानसभाओं ने पेपरलेस होने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और कई विधानसभा अपने कार्यवाहियों को ऑनलाइन कर रही है जो अच्छा कदम है।
योजनाएं पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने में आईटी की बड़ी भूमिका : गहलोत
सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीपीए इंडिया लोकतांत्रिक प्रणाली की मजबूती के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर विचारों और नवाचारों से लोक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सम्मेलन के जरिए विशेषज्ञों के विचारों से जनप्रतिनिधियों का ज्ञानवर्द्धन होगा, जिससे हमारा लोकतंत्र और सुशासन अधिक मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा देश में कम्प्यूटर इस्तेमाल को मिशन मोड पर लिए जाने से ही आज गुड गवर्नेंस सुनिश्चित हो सकी है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.सी.पी. जोशी द्वारा राजस्थान में सीपीए की गतिविधियों और विधानसभा में किए गए अभिनव प्रयासों की भी सराहना की। गहलोत ने कहा कि आईटी का योजनाओं में सर्वश्रेष्ठ उपयोग और नए इनोवेशन करने में राजस्थान देश में अग्रणी राज्य बन गया है। राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने में आईटी की बड़ी भूमिका है।
सदन को कैसे सुगमतापूर्वक चलें इस पर होगा मंथन : जोशी
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी ने सीपीए का मुख्य उद्देश्य प्रजातंत्र को सुदृढ़ बनाना है। इसके माध्यम से संसद प्रमुख तथा विभिन्न राज्यों की विधायिका के प्रमुख, जनप्रतिनिधिगण आदि मिलकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए मंथन करते हैं। कॉमन नीति बनाकर उस पर अमल करते हैं, इससे लोकतंत्र को सुदृढ बनाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, भेरोसिंह शेखावत आदि ने पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी के लिए जो कार्य किये है वे अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से हमने देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सदन पूरा चले और सदन प्रभावशाली होगा तो नीतियां बनेगी और राष्ट्रहित में उपयोगी साबित होगी। सदन पूरा नहीं चलता तो इससे देश और लोकतंत्र दोनों को नुकसान होता है। सीपीए के माध्यम से उन नीतियों पर मंथन होगा कि सदन को कैसे सुगमतापूर्वक चलाया जाए, ताकि आमजन के हितों के मुबिक नीति-नियमों का निर्धारित किया जा सके।
तकनीक से ट्रांसपरेंट प्रशासन बना और भ्रष्टाचार हुआ कम : हरिवंश नारायण
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आज के युग में टेक्नोलॉजी का रोल बढ़ा है। आज की दुनिया तकनीक से संचालित है। भारत के पास तेज गति से बढ़ने का अवसर है। तकनीक से ट्रांसपरेंट प्रशासन बना है और भ्रष्टाचार कम हुआ है। आज देश में रेवेन्यू रिकॉर्ड ऑनलाइन हो रहे हैं। आईटीआर रिटर्न में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में जी20 सम्मेलन में भी डिजिटल इकोनामी पर चर्चा हुई है। हम सभी को चाहिए कि एक दूसरे के प्रयोगों से सीखें। हम सभी को एक दूसरे की क्षमता संवर्धन में कार्य करना है।
विचारों को साझा करना निरंतर जरूरी : ग्रेजर
सीपीए मुख्यालय के चेयरपर्सन इयान लिडेल ग्रेंजर ने कहा हम सभी एक परिवार हैं। सीपीए सम्मेलन के दौरान हम सभी को एक—दूसरे के विचारों को साझा करते हुए सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने आतंकवाद, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां विद्यमान है। विचारों को साझा करना निरंतर जरूरी है, यही आपकी सफलताएं तय करता है और इसी से समस्याओं का समाधान मिलता है। समारोह में राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सीपीए राजस्थान के सचिव संयम लोढ़ा ने विचार रखे।
सम्मेलन में लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा सहित देश की विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषदों के सभापति, उपसभापति, सचिव, राजस्थान सरकार के मंत्रीगण और विधायकों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। समारोह में अतिथियों ने राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित किए गए विविध कार्यक्रमों और कार्यशालाओं पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया। साथ ही राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के कार्यक्रमों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया।
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