बिहार के पूर्णिया ज़िले से अजीब मामला सामने आया है। एक परिवार ने अपनी बेटी का दाह संस्कार कर दिया। उसके एक दिन बाद बेटी ने पिता को कॉल कर कहा कि मैं अंशु ज़िंदा हूं, आपने जिसे जलाया वह मैं नहीं हूं। पूर्णिया जिले के नवगछिया टोला (भवानीपुर) के रहने वाले बिनोद मंडल की बेटी की 17 वर्षीय पुत्री 3 जून से लापाता था। परिवार के लोग बेटी की तलाश करते रहे, लेकिन पुलिस को शिकायत नहीं दी। बेटी के बारे कोई भी जानकारी नहीं मिला पा रही थी। अचानक 16 अगस्त को घर वालों को पता चला कि बहिया नहर के पास एक लड़की का शव है।
परिवार के लोग जब मौक़े पर पहुंचे तो शव की शिनाख्त करते हुए अपनी बेटी समझ ले गए और फिर आनन-फानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया। दाह संस्कार के अगले दिन बिनोद के पास उसकी बेटी का कॉल आया। अंशु (बिनोद की बेटी) ने कहा कि वह ज़िंदा है, जिसका अंतिम संस्कार किया वह मैं नहीं हूं। वीडियो कॉल कर खुद के ज़िंदा होने का सबूत दिया।
अंशु ने बताया कि वह रुपौली हॉल्ट बाज़ार इलाके में किराए के एक मकान में रह रही है। 24 वर्षीय विरांजन कुमार भवानीपुर निवासी से भागकर शादी कर ली है। उसने बताया कि 24 मई को एक रॉन्ग कॉल के ज़रिए विरांजन से दोस्ती हुई और 10 दिनों में इश्क ऐसा परवान चढ़ा की भागकर शादी रचाने का फ़ैसला लिया। 3 जून को अंशू घर से भागी और 5 जून को प्रेमी संग शादी रचा ली। 17 अगस्त को जब उसे ख़ुद के मौत की खबर मिली तो उसने परिवार वालों को कॉल कर, खुद के ज़िदा होने की बात बताई। वहीं इस पूरे मामले में अकबरपुर ओपी थाना अध्यक्ष सूरज कुमार ने कहा कि ये गलती कैसे हुई इस मामले की तफ्तीश चल रही है।
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