आदिवासी देश के असली हकदार: राहुल गांधी

दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड दौरे का रविवार को  दूसरा दिन था। उन्होंने डॉ. अंबेडकर डिस्ट्रिक्ट मेमोरियल कैंसर सेंटर में पावर फैसिलिटी का उद्घाटन किया। इसके लिए उन्होंने सांसद निधि से 50 लाख रुपए भी दिए। इस माैके पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है यह नई लाइन बिजली कटौती की परेशानी को खत्म कर देगी।

लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त दो विचारधाराओं के बीच में जंग छिड़ी हुई है। हम आपको आदिवासी मानते हैं, यानी इस देश के असली हकदार। वहीं, दूसरी विचारधारा कहती है कि आप आदिवासी नहीं, वनवासी हैं। वे लोग आपको देश का असली स्वामी नहीं मानते।

आदिवासी को लेकर दो विचारधाराओं का जिक्र किया

राहुल गांधी ने कहा कि इस वक्त देश में दो विचारधाराएं हैं, जो एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। एक शब्द होता है, आदिवासी। जिसका मतलब है जमीन का असली स्वामी। हम आपको आदिवासी कहते हैं। हमारा मानना है कि आपको ये सोचने और तय करने की आजादी मिलनी चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं। आपको जमीन और जंगल पर हक मिले। आपके बच्चे पढ़ें, नौकरियां-बिजनेस करें।

दूसरी विचारधारा वाले आपको आदिवासी नहीं, वनवासी कहकर आपको बुलाते हैं। वनवासी शब्द का अर्थ है कि आप इस देश के असली हकदार हैं। वनवासी शब्द आपको जंगलों तक सीमित करता है। इसके पीछे की भावना ये है कि आप जंगलों के रहने वाले हैं, आपको जंगलों में ही रहना चाहिए। ये शब्द आपके इतिहास, आपके रीति-रिवाजों को खंडित करता है। ये आपके और इस देश के बीच रिश्ते पर एक हमला है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।

राहुल बोले- हम आदिवासियों से सीख सकते हैं

आज पर्यावरण शब्द फैशन में आ गया है। कुछ सौ सालों से मॉडर्न सोसाइटी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। जंगल जलाए जा रहे हैं, प्रदूषण फैल रहा है। अब अचानक से पर्यावरण संरक्षण की बातें होने लगी हैं। लेकिन हम आपके इतिहास, रीति-रिवाज, जिंदगी जीने के तरीके से भी सीख सकते हैं। आपके बच्चों को बेहतर पढ़ाई, बेहतर चिकित्सा, अच्छी नौकरियां मिलनी चाहिए। इसके लिए हम हमेशा आपके लिए मौजूद हैं।

सांसदी जाने के बाद भी वायनाड ने मेरा सपोर्ट किया

वायनाड आकर मुझे बहुत खुशी होती है। यहां के लोग चाहे किसी भी पार्टी को सपोर्ट करते हों, मेरा उनके साथ एक रिश्ता है। लेफ्ट के साथ हमारा वैचारिक मतभेद तो है, लेकिन इसके बावजूद जब मैं संसद से डिस्क्वॉलिफाई हुआ तो पूरे वायनाड के लोगों ने मेरा साथ दिया। मैं वायनाड के सभी लोगों को अपने परिवार का हिस्सा मानता हूं।

राहुल गांधी ने रविवार शाम कोझिकोड जिल के कोडानचेरी में कम्यूनिटी डिसेबिलिटी मैनेजमेंट सेंटर की नींव रखी। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे विकलांगता का कॉन्सेप्ट पसंद नहीं है। मेरा मानना है कि हर व्यक्ति में एक खूबी होती है। यह अलग बात है कि समाज उन्हें खुद में वह खूबी खोजने नहीं देता।

इस तरह का सेंटर बच्चों की मदद करेगा और उनका यूनीक टैलेंट खोजने में भी मदद करेगा। इसमें बच्चों को साइकोथेरेपी, बिहेव थेरेपी, स्पीच थेरेपी और स्पेशल एजूकेशन दिया जाएगा। इन बच्चों की मदद के लिए सेंटर में सांसद फंड से 55 लाख की मदद देकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इस प्रोजेक्ट में शामिल हर शख्स को मैं धन्यवाद कहना चाहता हूं। हम सब की जिम्मेदारी है कि जो लोग मुश्किल में हैं, उनकी मदद करें।

12 अगस्त को दो दिन के वायनाड दौरे पर पहुंचे थे राहुल

आज राहुल अपने संसदीय क्षेत्र में आम लोगों से मुलाकात करेंगे। शाम को कोझिकोड जिले के कोडानचेरी में सामुदायिक विकलांगता प्रबंधन केंद्र की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे। राहुल शनिवार यानी 12 अगस्त को दो दिन के दौरे पर वायनाड पहुंचे थे। सांसदी बहाल होने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र में यह उनका पहला दौरा है।

जनसभा में राहुल बोले- मोदी राष्ट्रवादी नहीं

कांग्रेस नेता ने शनिवार को वायनाड के कलपेट्टा में एक जनसभा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी राष्ट्रवादी नहीं है। संसद में मणिपुर के मुद्दे पर बात करते हुए हंस रहे थे। मैंने संसद में कहा- बीजेपी ने मणिपुर में आइडिया ऑफ इंडिया की हत्या की है। मणिपुर में भारत माता की हत्या की है।

पीएम ने संसद में 2 घंटे 37 मिनट की स्पीच दी, लेकिन आपने भारत माता की हत्या पर दो मिनट भी बात नहीं कही। आपकी हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की। आप ये क्यों कर रहे हैं। आप चार महीने से वहां क्यों नहीं गए क्योंकि आप राष्ट्रवादी नहीं है। इंडिया के आइडिया की हत्या करने वाला राष्ट्रवादी नहीं हो सकता।

राहुल ने कहा कि सोचिए अगर कोई परिवार को अलग करने का प्रयास करे। दो भाइयों को अलग करे। बेटी को पिता को अलग करे। अगर कोई परिवार को अलग करने का प्रयास करेगा तो परिवार और मजबूत होगा, लेकिन बीजेपी और RSS को नहीं पता कि परिवार क्या होता है। उन्हें लगता है कि अगर वे राहुल गांधी को संसद से बाहर कर देंगे तो वे वायनाड से दूर हो जाएंगे। नहीं, अगर आप राहुल गांधी की सांसदी छीन लेंगे तो वायनाड के लोगों से उनका रिश्ता और मजबूत होगा। हम मणिपुर में शांति वापस लाएंगे।

सांसदी जाने के 16 दिन बाद वायनाड गए थे राहुल

पिछली बार राहुल गांधी सांसदी जाने के 16 दिन बाद 10 अप्रैल 2023 को वायनाड गए थे। तब उन्होंने यहां जनसभा में कहा था- मेरी संसद की सदस्यता छीन ली गई। मेरा घर छीन लिया, मेरे पीछे पुलिस लगा दी, लेकिन इन सबसे मुझे फर्क नहीं पड़ता है। वो मुझे जेल में भी डाल दें, फिर भी मैं सवाल पूछता रहूंगा।