फ्लाइंग किस पर तेज हुआ घमासान, राहुल को मिला आरजेडी की महिला नेता का साथ, कहा- हॉलीवुड से आते हैं प्रपोजल

नई दिल्ली । राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता सारिका पासवान ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए शनिवार (12 अगस्त) को कहा कि उन्हें (राहुल) हॉलीवुड और बॉलीवुड से प्रपोजल मिलते हैं. यह हास्यास्पद बात कि है कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को ‘फ्लाइंग किस’ देंगे. दरअसल, राजद नेता ने राहुल गांधी के फ्लाइंग किस विवाद पर दिए गए एक इंटरव्यू को अपने फेसबुक पर शेयर किया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में महिला नेता ने कहा, “स्मृति ईरानी से किसने कहा कि वह राहुल गांधी का फ्लाइंग किस पकड़ें?” क्या वह कभी साबित कर पाएंगी कि राहुल गांधी का फ्लाइंग किस उनके लिए था? ये नफरत फैलाने वाले लोग हैं. वे धर्म, जाति और अब व्यवहार पर नफरत फैलाते हैं.”

बृज भूषण सिंह पर किया सवाल
सारिका पासवान ने कहा, “बृज भूषण सिंह के बारे में क्या, जिन्होंने महिला एथलीटों की छाती को छुआ. उस भाजपा नेता के बारे में क्या जिन्होंने एक दलित व्यक्ति पर पेशाब किया? मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के बारे में क्या?” 

नीतू सिंह ने भी किया राहुल गांधी का बचाव
गौरतलब है कि सारिका पासवान फ्लाइंग किस विवाद पर राहुल गांधी के पक्ष में बोलने वाली बिहार की दूसरी महिला नेता हैं. इससे पहले कांग्रेस नेता नीतू सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी के पास महिलाओं की कोई कमी नहीं है. अगर राहुल गांधी को फ्लाइंग किस देना होगा तो वह एक युवा महिला को देंगे. वह 50 साल की महिला को फ्लाइंग किस क्यों देंगे?

स्मृति ईरानी ने जताई आपत्ति 
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी का ‘फ्लाइंग किस’ एक बड़ा मुद्दा बन गया था. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि केवल एक महिला द्वेषी व्यक्ति ही ऐसा इशारा कर सकता है. इसके बाद 20 से अधिक महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी और उन्हें एक पत्र सौंपा था.

राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पत्र में कहा गया है, “मैं आपका ध्यान केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की ओर से सदन में की गई घटना की ओर आकर्षित करना चाहूंगी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री और इस सदन की सदस्य स्मृति ईरानी के प्रति अभद्र व्यवहार किया और अनुचित इशारे किए. हम इस तरह के आचरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं, जिसने न केवल सदन में महिला सदस्यों की गरिमा का अपमान किया है, बल्कि उनकी बदनामी भी हुई है. इस घटना ने इस प्रतिष्ठित सदन की गरिमा को कम किया है.”